गौ तस्करों को पकडऩे के बाद भी गातापार पुलिस के द्वारा तस्करों पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। गातापार पुलिस के द्वारा कार्यवाही नहीं किए जाने के बाद गौ सेवक एसडीओपी कार्यालय खैरागढ़ पहुंचे। जहां एसडीओपी से मुलाकात कर गौ तस्करों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की। लेकिन एसडीओपी ने मामले की जांच होने के बाद ही उचित कार्यवाही करने आश्वासन दिया है।
सीजी क्रांति/खैरागढ़। शनिवार रात जंगल के रास्ते मवेशियों के कट्टीपार ले जाने वाले तस्करों पर अब कार्रवाई नहीं हुई है। मामला पुलिस के संज्ञान में आए 36 घंटो से अधिक हो गया। बावजूद इसके तस्करों के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई शून्य है। यहीं वजह है कि मामले को लेकर पुलिस की कार्यशैली कटघरे में नजर आ रहा है। इधर पुलिस मामले की जांच करने के बाद कार्रवाई करने की बात कह रही है।
अब तक कार्रवाई नहीं, आक्रोशित गौसेवक
गौ तस्करों को पकडऩे के बाद भी गातापार पुलिस के द्वारा तस्करों पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। गातापार पुलिस के द्वारा कार्यवाही नहीं किए जाने के बाद गौ सेवक एसडीओपी कार्यालय खैरागढ़ पहुंचे। जहां एसडीओपी से मुलाकात कर गौ तस्करों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की। लेकिन एसडीओपी ने मामले की जांच होने के बाद ही उचित कार्यवाही करने आश्वासन दिया है।
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गौ तस्करी करने वाले आरोपियों का वीडियो भी वायरल हो रहा है। जिसमें सभी आरोपी मवेशियों को कट्टीपार ले जाना स्वीकार कर रहे हैं। इसके बाद भी तस्करों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। जिससे गौ सेवक आक्रोशित हैं।
जाने क्या है पूरा मामला…
गौरतलब है कि जंगल के रास्ते मवेशियों को कट्टीपार ले जाने वाले 7 तस्करों को ग्रामीणों ने पकडक़र पुलिस के हवाले किया था। शनिवार 15 जनवरी की शाम तकरीबन 5 बजे ग्राम पांडादाह निवासी दिलीप श्रीवास्तव सहित गौसेवकों को जानकारी मिली की रात में प्रधानपाठ बैराज के रास्ते मवेशियों को कट्टीपार ले जाया जाने वाला है।
मामले की जानकारी होते ही गौ सेवक शाम 7 बजे प्रधानपाठ बैराज पहुंचे और गौ तस्करों का इंतजार करने लगे, शनिवार की रात तकरीबन 2 बजे 12 गौ तस्कर लगभग 47 नग मवेशियों को कट्टीपार ले जा रहे थे। जिसे रोककर गौ सेवकों ने पकड़ लिया। 12 गौ तस्करों में से 5 गौ तस्कर अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गये। वहीं 7 तस्करों को पकडक़र गातापार पुलिस को सौंपा गया।
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बताया जा रहा है कि जिन मवेशियों को कट्टीपार ले जाया जा रहा था उनमें 5 नग भैंस व 1 नग बछड़ा तथा 41 नग गाय थी। गौ तस्करों को पकड़ने के दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट भी हुई। जिसमें एक गौ तस्कर को गंभीर चोट लगी है। जिसे उपचार के लिये सिविल अस्पताल लाया गया था। जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे वापस भेज दिया गया।
पशु तस्कारों को पकडक़र गातापार पुलिस के हवाले किया गया था। लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई हैं। मामले में पुलिस की कार्यशैली संदेह के दायरे में है। – दिलीप श्रीवास्तव, गौ रक्षक
मामला विवेचना में है, आरोपी पक्ष को पशुओं से संबंधित दस्तावेज मंगाए गए है। अगर वैद्य दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करते हैं, तो कानून कार्रवाई की जाएगी। – दिनेश सिन्हा, एसडीओपी खैरागढ़