हादसे के दर्दनाक वो 14 घंटे; चीख-पुकार के बीच 12 साल की बच्ची ने दिखाया अदम्य साहस

गौरेला-पेंड्रा के बंजारी घाट में बस हादसे की पूरी कहानी

सीजी क्रांति/खैरागढ़। बिलासपुर के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के कारीआम बंजारी घाट में अमरकंटक से लौटते समय तीर्थयात्रियों से भरी बस पटलने की खबर से सभी वाकिफ हैं। बस सवार में सवार चालक समेत 50 तीर्थयात्री मदनपुर-चिचोला के रहने वाले थे, वह भी जानते थे। लेकिन उस दौरान हुआ क्या था, सभी के मन में यह जानने की इच्छा है।
घाटी में अचानक चालक बस पर से नियंत्रण खो बैठता है। बस दो बार पलटते हुए पेड़ के सहारे रुक जाती है। हादसे के बाद मौके पर चीख पुकार मच जाती है। सभी अपने-अपने परिवार के सदस्यों को बचाने में लग जाते हैं। ऐसे में अपने पिता के हाथों का सहारा लेकर एक 12 साल की बच्ची भूमिका वर्मा बस से बाहर आती है, वही डरे-सहमे बड़े-बुजुर्ग बीच अदम्य साहस का परिचय देती है। डर को दबाकर मदद की गुहार लगाने सडक़ की ओर दौड़ पड़ती है। लोगों को मदद के लिए इकट्ठा भी कर लेती है और हादसों में घायल लोगों तक मदद पहुंच जाती है।

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घंटो भूखी रही भूमिका

भूमिका ने बताया कि 22 दिसंबर की शाम मदनपुर से अमरकंटक के लिए निकले थे। 23 दिसंबर को अमरकंटक घूमने के बाद तीर्थयात्रियों ने सुबह का नाश्ता भी अमरकंटक में ही किया। वही भूमिका ने रतनपुर पहुंचने के बाद खाने की बात कहकर नाश्ता नहीं की। सभी दोपहर बाद रतनपुर के लिए निकल पड़े। लेकिन तकरीबन 3 बजे के आसपास गौरेला के कारीआम बंजारी घाटी में हादसा हो गया। वही सुबह 4 बजे प्राइवेट कार से घर वापस लौटी। इस दौरान वह भूखी ही रही। स्थानीय प्रशासन की ओर से घायलों को किसी भी तरह से मदद नहीं मिली।

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घायल युवती की मां बेसुध

अमरकंटक तीर्थयात्रा पर मदनपुर की 18 वर्षीया भूमिका यादव भी गई थी। उनके साथ चाची अनिता यादव भी गई थी। हादसे में दोनों गंभीर रूप से घायल हुए है। दोनों का बिलासपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। हादसे की खबर मिलने के बाद से भूमिका की मां मानबाई यादव बेसुध हो गई है।

बिलासपुर-रायपुर में चल रहा गंभीर मरीजों का इलाज

घायलों की प्रारंभिक चिकित्सा के बाद 30 से ज्यादा लोग वापस मदनपुर लौट गए है। जबकि दर्जनभर लोगों का गंभीर अवस्था में अलग-अलग जगहों पर इलाज चल रहा है। कुछ घायलों का बिलासपुर के नर्मदा प्राइवेट हॉस्पिटल, कुछ का बिलासपुर के ही सरकारी हास्पिटल में और कुछ मरीजों को रायपुर में इलाज चल रहा है। जबकि गांव लौटे घायल लोग भी राजनांदगांव में इलाज करा रहे है। वे शुक्रवार सुबह राजनांदगांव इलाज कराने पहुंचे।

ऐसे हुआ हादसा

हादसे के समय तीर्थयात्री बस में सवार प्रत्यक्षदर्शी भूमिका वर्मा ने बताया कि वह सभी लोग अमरकंटक से पूजा पाठ कर रतनपुर जाने के लिए निकले थे। इसी दौरान जब बस गौरेला के कारीआम बंजारी घाट पहुंची तो चालक ने अपना संतुलन खो दिया। वही बस अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी। बस दो बार पलटते हुए एक पेड़ में जाकर फंस गई। हादसे के बाद मौके पर चीख पुकार मच गया। स्थानीय लोगों की मदद से आपातकालीन नंबर में मदद मांगी गई।

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