सीजी क्रांति/रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर नगर निगम में यूनिपोल घोटाले के आरोपी अफसरों ने 17 बिंदुओं में अपना जवाब जांच कमेटी को सौंप दिया है। अब दिए गए जवाबों का विश्लेषण और प्रतिपरीक्षण के बाद अंतिम जांच रिपोर्ट पेश की जाएगी। इस मामले के अन्वेषण में जो तथ्य मिले हैं, उससे अफसरों के दोष साबित होने की संभावना जताई जा रही है। यदि आरोप सिद्ध हुए तो कई अफसर नपेंगे।
मेयर एजाज ढेबर ने अफसरों के जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रारंभिक दृष्टि से अफसरों के जवाब सिर्फ खाना-पूर्ति है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अफसरों ने यूनिपोल लगाने वाले ठेका कंपनी के महने पर नियमों से खिलवाड़ किया है। नगर निगम में ऐसा पहली बार हुआ है।
इस पूरे मामले निगम के संबंधित अफसर ही दोषी हैं। अफसरों ने तय नियमों को दरकिनार कर केंपनी के प्रस्वातों पर अपनी मुहर लगा दी। नियम-कानून और शर्तों का भी ध्यान नहीं रखा गया। साइज क्यों बढ़ाई गई। इसका उनके पास कोई जवाब नहीं।
एजाज ढेबर ने बताया कि टेंडर के 11 नंबर कंडिका में यह स्पष्ट लिखा गया है कि साइज नहीं बढ़ाई जा सकती। 14 बाई 18 को अफसरों ने कंपनी के प्रस्ताव पर 18 बाई 18 कर दिया। अफसर यह भी नहीं बता पाए कि चार महीने में कंपनी को 51 बोर्ड की अनुमति कैसे दी गई। शास्त्री चौक में एक कंपनी का रेट 900 से 1100 रुपए प्रति वर्गफीट है जबकि वहीं पर दूसरी कंपनी का रेट 350 रुपए है।
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