मरवाही के बाद खैरागढ़ सीट भी फिसला, यहां जमानत बचाना भी मुश्किल

रायपुर। 2018 में देवव्रत सिंह ने जोगी कांग्रेस से चुनाव लड़कर कांग्रेस और भाजपा को पटखनी देकर खैरागढ़ विधानसभा फतेह किया था। उनके निधन के बाद हो रहे विधानसभा उप चुनाव में उसी जोगी कांग्रेस की जमानत भी नहीं बच पाएगी। इस तरह से अब जोगी कांग्रेस मरवाही के बाद खैरागढ़ सीट भी खो देगी।

बता दें कि खैरागढ़ में जोगी कांग्रेस से दिवंगत विधायक देवव्रत सिंह के बहनोई नरेंद्र सोनी चुनावी समर में उतरे थे। जोगी कांग्रेस ने राजपरिवार के सदस्य को उतारने की बात कहकर देव्रवत का चेहरा सामने रखा था लेकिन इसका कोई लाभ मिलता नहीं दिख रहा है। कई राउंड में जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी नरेंद्र सोनी निर्दलीय प्रत्याशी से भी कम वोट हासिल कर पाए। इस तरह से देखें तो जोगी कांग्रेस ने इस चुनाव में जितने वोटों की उम्मीद की थी, उससे काफी कम वोट पड़ रहे हैं।

बता दें कि जोगी कांग्रेस के संस्थापक अजीत जोगी की मौत के बाद उनकी पार्टी लगातार बिखर रही है। उनके कई नेता कांग्रेस में शामिल हो गए। ऐसे में मरवाही के बाद अब खैरागढ़ की जमीन खो चुके जोगी कांग्रेस के पास भविष्य की राजनीति में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़नी होगी। हालांकि जोगी कांग्रेस के पास अब भी रेणु जोगी,धरमजीत सिंह और प्रमोद शर्मा तीन विधायक है।

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