सीजी क्रांति/खैरागढ़। छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर जिले के एक हजार से अधिक मनरेगा अधिकारी—कर्मचारी, रोजगार सहायक अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है। उन्होंने दो प्रमुख मांगों लेकर आंदोलन की राह पकड़ी है।
हड़तालियों की मांग है कि चुनावी जन घोषणा पत्र को आत्मसात करते कांग्रेस सरकार समस्त मनरेगा कर्मियों का नियमित करें और नियमितीकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने तक रोजगार सहायको का ग्रेड—पे निर्धारण कर समस्त मनरेगा कर्मियों पर सिविल सेवा नियम 1966 का पालन कर पंचायत कर्मी नियमावली लागू करने की मांग की है। उन्होंने मांग पूरी होने तक आंदोलन से नहीं हटने की चेतावनी दी है। यह आंदोलन प्रदेश संगठन के आव्हान पर किया जा रहा है।
हड़तालियों ने बताया कि कोरोना काल के दौरान मनरेगा योजना के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सहारा देकर मजदूरों को अपने ही गांव में रोजगार प्रदाय कर वित्तीय संकट से बचाने के लिए उन्होंने ने ही बिड़ा उठाया था। लेकिन अफसोस है कि योजना में कर्मचारियों के रोजगार की कोई गारंटी नहीं है। जिसके कारण जन घोषणा पत्र में किया गया वादा को आत्मसात करने की मांग की है।
बताया जा रहा है कि जिले में ही लगभग एक लाख से अधिक अकुशल श्रमिक कार्यरत रहते है। लेकिन अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते आज जिले में कार्यरत श्रमिकों की संख्या शून्य है। यानी हड़ताल से प्रतिदिन ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सिर्फ 1 जिले से ही 2 करोड़ से अधिक राशि का नुकसान होगा।