जिला मुख्यालय खैरागढ के दो सौ स्ट्रीट पोल में लाईट ही नहीं, एलईडी खरीदने सरकार से मांग, पर नहीं मिल रही अनुमति ?

सीजी क्रांति न्यूज/खैरागढ़। खैरागढ़ नगर पालिका सीमा में लगे करीब दो सौ स्ट्रीट पोल्स में लाईट ही नहीं लगी है। नगर के कई वार्डों में अंधेरा छाया हुआ है। इस ओर पालिका के जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहे हैं और न ही पालिका प्रशासन। लाईट खरीदने के लिए पालिका प्रशासन ने नगरीय प्रशासन विभाग को डिमांड प्रस्ताव भेजने की बात कह रही है लेकिन अनुमति नहीं मिलने की वजह से जनता अंधेरे में रहने में विवश है। परेशानी यह है कि नगर पालिका अपने स्तर पर भी जरूरतनुसार एनईडी बल्ब खरीदने में कोताही बरत रही है।

बताया जा रहा है कि पूर्ववर्ती प्रदेश सरकार ने एलईडी बल्ब की खरीदी शासन स्तर से करने का निर्णय लेते हुए स्थानीय स्तर पर इसकी खरीदी पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। स्ट्रीट लाइट को समय पर चालू और बंद करने की जिम्मेदारी विद्युत मंडल के पास है। वर्ष 2018 में नगर पालिका ने स्ट्रीट लाइट के आधुनिकी करण के लिए स्मार्ट स्ट्रीट योजना तैयार की थी। इसमें शहर के सभी खंभों को कंम्यूटर से जोड़ कर आनलाइन किया जाना था। योजना थी कि खंभे में तकनीकी खराबी आने या बल्ब के फ्यूज होने पर कंट्रोल रूम को इसकी सूचना स्वतः ही मिल जाती।

बहरहाल खैरागढ़ में वार्डवासी अधंेरे में गुजर-बसर कर रहे हैं। नगर में कई वार्ड नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में हैं। कई वार्ड खेतों से लगे हुए हैं। अंधेरे होने की वजह से वहां जहरीली जींवों से खतरा बना हुआ है। इसके बावजूद जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अमला इस ओर संवेदनशील नहीं है। नियम-प्रक्रियाओं का हवाला देकर जनता को उसके हाल पर छोड़ दिया गया है।

जबकि पिछले दिनों छत्तीसढ़ के ही जशपुर में नगर पालिका परिषद की सामान्य सभा की बैठक में रायपुर से मांग के अनुरूप बल्ब की आपूर्ति नहीं मिलने से परेशान होकर सर्वसम्मति से स्थानीय स्तर पर बल्ब खरीदी का प्रस्ताव पारित किया गया। जिसके बाद जनता को राहत मिली। कुछ इसी तरह का प्रयोग नगर पालिका खैरागढ़ में भी किए जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

हम अपने स्तर पर बल्ब नहीं खरीद सकते-सीएमओ
सीएमओ प्रमोद शुक्ला ने कहा कि हम अपने स्तर पर बल्ब नहीं खरीद सकते। उच्च विभाग को बल्ब खरीदी के लिए डिमांड लेटर भेजा गया है। वहां से अनुमति मिलने पर ही बल्ब खरीदेंगे।

जनता परेशान है, सीएमओ नियम बताते हैं- शैलेंद्र वर्मा
नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा ने कहा कि प्रकाश व्यवस्था में आ रही परेशानी की जानकारी है। इसके लिए नगरीय प्रशासन से अनुमति लेना पड़ता है। वहां अनुमति मिलने के बाद बल्ब खरीदी की व्यवस्था है। पालिका के सीएमओ नियम-प्रक्रियाओं की जटिलता बताकर बल्ब खरीदी में रोड़ा बता रहे हैं।

सरकार बदलने के बाद अफसरों का रवैया बदल गया है- दीपक देवांगन

सभापति दीपक देवांगन ने कहा कि राज्य में सत्ता बदलने के साथ ही अफसरों का रवैया बदल गया है। पार्षदों के कहने पर भी जनता के हितों को ध्यान में रखकर व्यावहारिक निर्णय लेने के बजाय नियम बताया जा रहा है। नगरीय निकाय जनता की सुविधाओं से सीधा जुड़ा है। यहां एक्ट और टैक्ट दोनों से काम करने की जरूरत है पर ऐसा नहीं हो रहा है।

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