सीजी क्रांति/खैरागढ़। छुईखदान नगरीय सत्ता में काबिज भाजपा व विपक्षी कांग्रेस के पार्षदों ने मिलकर अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अध्यक्ष के खिलाफ 13 पार्षद लामबंद हो गए है। उन्होंने अध्यक्ष को पद से हटाने के लिए कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा है। खास बात यह है कि अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पार्षदों में सबसे ज्यादा भाजपा पार्षद ही है। 15 सीट वाली छुईखदान की नगरीय सत्ता में भाजपा के 9 पार्षद, कांग्रेस 4 और अन्य के दो पार्षद है। जिसमें से अध्यक्ष-उपाध्यक्ष को छोडक़र भाजपा के 7 सहित 13 पार्षदों ने मोर्चा खोला है।
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डैमेज कंट्रोल में जुटी भाजपा
अध्यक्ष और पार्षदों के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। विवाद ने अब अविश्वास प्रस्ताव का रूप ले लिया है। यहीं वजह है कि डैमेज कंट्रोल करने के लिए भाजपा जिला संगठन को कूदना पड़ा है। बताया जा रहा है कि जिले के शीर्ष नेतृत्व ने पूरे मामले को लेकर छुईखदान में ही बैठक ली। जिसमें भाजपा के बड़े नेता शामिल हुए। वही विवाद की जड़ पर चर्चा की गई।
भाजपा को कुर्सी छीनने का डर
कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव सौंपते ही भाजपा में हडक़ंप मच गया है। क्योंकि जिस तरह खैरागढ़ नगर पालिका चुनाव में अध्यक्ष की कुर्सी के लिए जंग देखने को मिली है। उससे यह कयास लगाया जा रहा है कि अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से कांग्रेस कुर्सी तो नहीं छीन लेगी। यहीं वजह है कि भाजपा संगठन के बड़े नेता डैमेज कंट्रोल करने में जुटे हुए है।
विधानसभा उपचुनाव में पड़ेगा असर
खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव से पहले छुईखदान की नपं अध्यक्ष को हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाने की वजह से भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है। क्योंकि छुईखदान आसपास एरिया का मुख्य केन्द्र है। ऐसे में मुख्यालय में ही भाजपा के खिलाफ हवा चलेगी, तो विधानसभा क्षेत्र में नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।