छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बैठे मौन प्रदर्शन में, सत्ता-संगठन के नेता-कार्यकर्ता भी शामिल


सीजी क्रांति न्यूज/रायपुर। मोदी सरनेम को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में दोषी पाए गए राहुल गांधी की सजा बरकरार रहने के बाद अब राजनीति गर्मा गई है। बुधवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कांगेस पार्टी के कार्यकर्ता सुबह 10 बजे मौन सत्याग्रह पर बैठ गए हैं। पूरे देश में कांग्रेस ने एक साथ सत्याग्रह करने का निर्णय लिया है। मानहानि मामले में दोषी पाए जाने के बाद सांसदी गंवा चुके राहुल गांधी के प्रति समर्थन और एकजुटता दिखाने के लिए कांग्रेस यह आंदोलन कर रही है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी कुमारी सेलजा, पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम समेत सत्ता और संगठन के बड़े चेहरे महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने सुबह 10 बजे से बैठे हैं जो शाम 5 बजे तक जारी रहेगा।

बता दें कि इस मामले में राहुल गांधी की ओर से गुजरात हाईकोर्ट में निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी। तब 7 जुलाई को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव और पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम समेत तमाम कांग्रेसी नेता सारे कार्यक्रम रद्द कर रायपुर के अंबेडकर चौक पहुंचकर धरना प्रदर्शन किया था। सीएम ने कहा था कि अंग्रेज केवल महात्मा गांधी से डरते थे। बीजेपी राहुल गांधी से डर रही है।

मामले पर एक नजर …

राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को एक चुनावी रैली को संबोधित किया था। इस रैली में राहुल ने सवाल उठाया था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम एक ही क्यों है? राहुल के इस बयान को लेकर गुजरात के बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था। इधर, कुछ लोगों ने यह कहकर भी राहुल गांधी के इस बयान पर आपत्ति जताई थी कि इससे एक पूरे समुदाय को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। इस मामले में राहुल गांधी 2021 में कोर्ट में पेश हुए थे और उन्‍होंने अपना बयान भी दर्ज कराया था। अब राहुल गांधी को इस मामले में दो साल की सजा सुनाई गई है। इस फैसले के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त हो गई है।

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