सीजी क्रांति/रायपुर। कुछ माह पहले करीब 5 करोड़ रूपए का नकली आयुर्वेद दवाईयां जब्त की गई थी। अब खाद्य विभाग ने छापामार कार्रवाई कर 1 करोड़ रूपए से अधिक का नकली गुटखा जब्त किया है। इनमें माणिकचंद और सितार गुटखा शामिल है। मंदिर हसौद क्षेत्र में अवैध तरीके से यह फैक्ट्री संचालित की जा रही थी। यह फैक्ट्री रात में शुरू होती थी, और सुबह काम बंद होता था, ताकि किसी को इस काले कारनामे के बारे में पता मत चले।
करीब 15 दिन से जासूसी करने के बाद खाद्य विभाग ने छापामार कार्रवाई की। छापा मारने पहुंचे खाद्य विभाग के अधिकारियों को देखते ही फैक्ट्री को सुपरवाइजर और ठेकेदार भाग गए। अधिकारियों को यहां से 350 बोरियों में सितार गुटखा, 23 गुटखा बनाने वाली मशीन, 700 पैकेजिंग के सामान और 120 बोरे में खुला गुटखा मिला है। जांच टीम ने यहां इस्तेमाल की जा रही गाड़ियों को भी जब्त कर लिया है।
यहां मध्यप्रदेश और झारखंड से करीब 50 मजदूरों को लाकर उन्हें प्रतिमाह 12 हजार रूपए की पारिश्रमिक देकर गुटखा पैकेजिंग का काम कराया जा रहा था। ताकि स्थानीय स्तर पर किसी को कुछ पता न चल सके। इन मजदूरों को सख्त हिदायत थी कि वे बाहर नहीं जाएंगे। मजदूरों के लिए भोजन भी फैक्ट्री में ही बनती थी। बाहरी मजदूरों को लाने के पीछे मकसद यही था कि वे फैक्ट्री व गोदाम में रहकर काम करने की शर्त को आसानी से मानने को राजी थे। छापामार कार्रवाई के दौरान फक्ट्री में न तो कोई क्वॉलिटी टेस्टिंग की व्यवस्था मिली। न गुटखा प्रोडक्शन में साफ सफाई का ध्यान रखा गया था।
खादय विभाग के अफसरों का के अनुसार गुटखे का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। लेबोरेटी टेस्ट के बाद गुटखा नकली है या मिलावटी, यह स्पष्ट हो सकेगा।। अफसरों के अनुसार जो पाउच मिला है उसका सैंपल भी जांच के लिए भेजा गया है। पाउच और बॉक्स की प्रिंटिंग भी बिलकुल असली जैसे हैं।