सीजी क्रांति/रायपुर। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने भूपेश सरकार पर छत्तीसगढ़ के किसानों व आदिवासियों का अपमान करने का आरोप लगाया है। जारी प्रेस विज्ञप्ति में हुपेंडी ने कहा है कि विगत 2018 व 2019 में छत्तीसगढ़ के किसानों के आत्महत्या के आंकड़े के अनुसार लगभग 500 किसानों ने आत्महत्या कर ली है वही एड्समेटा व सरकेगुड़ा में निर्दोष आदिवासियों पर गोली चलाई गई थी व निर्दोष आदिवासी मारे गए थे जो न्यायालय ने भी साफ कर दिया है परन्तु इन सभी घटनाओं पर मुआवजा आज तक किसी को नही मिला न किसानों को कुछ दिया गया और न ही उन निर्दोष आदिवासियों को कुछ मिला।
भूपेश बघेल को सिर्फ सत्ता से मतलब है, ये बात भूपेश बघेल ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में जाकर वहां की घटना के दौरान मारे गए प्रत्येक मृतक किसानों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा कर साबित कर दिया है, क्योंकि उत्तर प्रदेश में चुनाव है। यह छत्तीसगढ़ के उन किसानों का अपमान है जिन्होंने आत्महत्या कर ली है। ये उन आदिवासियों का अपमान है जो एड्समेटा व सरकेगुड़ा में मारे गए है। आम आदमी पार्टी इस तरह का प्रदेश वासियों का अपमान नही सहेगी।
हुपेंडी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से प्रदेश के प्रत्येक मृतक किसानों व आदिवासियों के परिवार को 1-1 करोड़ रुपये सहायता राशि तत्काल देने की घोषणा करें भूपेश सरकार अन्यथा हमे इन किसानों व आदिवासियों के साथ सड़क पर आना पड़ेगा इनके हक़ दिलाने के लिए ।
प्रदेश मीडिया सहप्रभारी अज़ीम खान ने कहा कि आम आदमी पार्टी लखीमपुर में किये 50-50 लाख सहायता राशि दिए जाने का विरोध नही करती है परंतु अपना घर भी तो ठीक कर ले छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार यदि भूपेश बघेल व उनके साथ लखीमपुर पहुचे उन तमाम कांग्रेस के नेता जिसमे राहुल गांधी भी मौजूद थे यदि उन सहायता राशि जिसकी भूपेश बघेल व पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी ने घोषणा की उसे कांग्रेस अपने पार्टी फंड से देती तो ये बेहद खुशी की बात होती और हम इसका सम्मान करते।
उन्होंने बताया नई भर्तियों पर 2019 से रोक लगा रखी है और कारण बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में वित्तीय संकट है व पैसा नही है साथ ही कई बार कर्ज लिया जा चुका है छत्तीसगढ़ को चलाने की खातिर, ऐसे में भूपेश बघेल जी का उत्तरप्रदेश जाना व अपनी पार्टी के प्रचार के लिए छत्तीसगढ़ के खजाने से प्रत्येक मृतक को 50-50 लाख सहायता राशि देने की घोषणा करना उन बेरोजगारों का अपमान है जो सरकारी भर्ती कब चालू होगी इसका इंतजार कर रहे है। छत्तीसगढ़ की जनता सब देख रही है और अब आनेवाले समय पर जब ये जनता के बीच जाएंगे तो उनसे ये सवाल जरूर किया जाएगा।