सीजी क्रांति न्यूज/बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के कद्दावर नेता और साजा क्षेत्र से 35 साल तक विधायक रहे रविंद्र चौबे का सियासी किला ढह गया। उन्हें बिरनपुर के ईश्वर साहू ने पराजित कर दिया। ये वही ईश्वर साहू है जिसके पुत्र की हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद क्षेत्र में जबर्दस्त सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बनी थी।
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भाजपा ने प्रयोग के तौर पर हिंदूवादी चेहरा के रूप में ईश्वर साहू को मैदान में उतारा। ईश्वर साहू अंत्यत गरीब पृष्ठभूमि के हैं। उनके पास रहने के लिए न ढंग का मकान हैं न पहनने के लिए अच्छे कपड़े। इसके बावजूद लोगों ने ईश्वर साहू को भरपूर समर्थन दिया। और दशकों से रविंद्र चौबे के राज को खत्म कर ईश्वर साहू को विधानसभा भेज दिया है।
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बता दें कि कांग्रेस पार्टी से सात बार के विधायक रहे रवींद्र चौबे का मुकाबला एक आम व्यक्ति ईश्वर साहू से था। ईश्वर ने आज तक सरपंच का भी चुनाव नहीं लड़ा है। उनके लिए राजनीति बिल्कुल नया है। वहीं 1990 में पहली बार विधायक बने मंत्री चौबे 2018 के चुनाव में सातवीं बार साजा विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने हैं। वह आठवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं। चौबे नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं। इतने वरिष्ठ और अनुभवी नेता को एक आम आदमी के हाथों शिकस्त खानी पड़ी।
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