सीजी क्रांति/खैरागढ़। गणपति उत्सव के लिए पखवाड़ेभर से भी कम समय बचा है। मूर्तिकार अपने काम को अंतिम रूप देने में जुट गए है। वही भक्त भी गणेश उत्सव की बेसब्री से इंतजार कर रहे है। मगर विघ्नहर्ता भगवान गणेश के उत्सव को कोरोना की तीसरी लहर की आशंका फीका करता नजर आ रहा है। क्योंकि कोरोना संक्रमण के खतरों के चलते गणेश उत्सव पर नियमों की पाबंदियां लग गयी है। वही लोगों को घरों में ही गणेश स्थापना की छूट है। इसके अलावा नियमों का पालन करते हुए पांडालों में भी भगवान गणेश की स्थापना कर सकते है। अगर नियमों को मैदानी स्तर पर लागू किया गया तो भक्तों की झोली में निराश हाथ तो आएगी। वहीं शहर के मूर्तिकारों की जीवर पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि गणेश उत्सव ही मूर्तिकारों के सालभर के लिए आय का बड़ा स्त्रोत होता है।
ऐसे में गणेश उत्सव पर कोरोना की खतरा मूर्तिकारों के लिए आर्थिक संकट का कारण बन सकता है। क्योंकि कोरोना काल से पहले निर्माताओं के पास मूर्तियों के लिए जून से ही ऑर्डर मिलने शुरू हो जाते थे। लेकिन पिछले दो साल से ऑर्डर नहीं मिल रहे है। वहीं जिन समितियों के हर साल बड़े मूर्तियों आर्डर रहते थे, उन्होंने भी नए नियमों के चलते छोटी मूर्तियों पर ध्यान दे रहे है। जिसका सीधा असर मूर्तिकारों पर पड़ रहा है।
मूर्तिकारों के सामने बढ़ी आर्थिक चुनौतियां
मूर्ति निर्माण करने वाले लोगों के जीवन में आर्थिक चुनौतियां बढ़ गई है। क्योंकि बड़ी मूर्तियों का आर्डर नहीं मिल रहा हैं, वही प्रशासन ने चार फीट से अधिक मूर्ति निर्माण करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। जहां सामान्य दिनों में गणेश चतुर्थी के लिए छह महीने पहले बुकिंग आ जाती थी। लेकिन पिछले दो साल से बड़े ग्राहक नहीं मिल रहे है। वही बड़ी समितियों के आर्डर नहीं मिल रहे है। क्योंकि चार फीट से ज्यादा की उंचाई वाले मूर्तियों के स्थापना करने पर प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया है।
छीन जाएगा सैकड़ों का रोजगार
गणेश उत्सव का फीका पडऩा महज मूर्तिकारों के रोजगार छीनने वाली बात नहीं है। बल्कि गणेश उत्सव से जुड़े अन्य लोगों का रोजगार छीन जाएगा। जिसमें कच्चा मटेरियल लाने वालों से लेकर रंगों की खरीदी और सजावट के सामान बेचने वाले दुकानदारों की आय में कमी आएगी। इसके अलावा डीजे और लाइटिंग वालों को भी ऑर्डर नहीं मिल पाएगा। यहीं वजह है कि कोरोना की वजह से सभी वर्ग प्रभावित होंगे।
नहीं मिल रहे बड़े ऑर्डर
मूर्तिकार संतोष प्रजापति का कहना है कि बड़े मूर्तियों के ऑर्डर नहीं मिल रहे है, वही छोटी मूर्तियां बनकर तैयार है, लेकिन ज्यादा खरीददार नहीं आ रहे है। इस वजह से ज्यादा मूर्तियों के निर्माण करने को असमंजस की स्थिति में है। मूर्तिकार चेतन का कहना है कि हमारे यहां शहर के अलावा अन्य जिलों से भी ऑर्डर आते थे। यहीं वजह है कि मूर्तियों के ऑर्डर गणेश चतुर्दर्शी के दो माह पहले ही पूरी बुक हो जाती थी। लेकिन पिछले दो साल से कोरोना की वजह से शासन-प्रशासन के गाइड लाइन के चलते कारोबार पर प्रभाव पड़ता है। क्योंकि बड़ी मूर्तियों के स्थापना को लेकर इजाजत नहीं दी है।