सीजी क्रांति/मनोज चेलक
खैरागढ़। पालिका चुनाव में कांग्रेस—भाजपा को स्पष्ट बहुमत न मिलने के कारण अब अध्यक्ष पद के लिए खींचातानी तेज हो गई हैं। चुने गए पार्षद अज्ञातवास में समय काट रहे है। जहां कांग्रेस पार्षद सत्ता सरकार की शरण में है, वही भाजपा पार्षद संगठन के वरिष्ठ नेताओं के घेरे में है। ऐसे में शहरी सत्ता का फैसला दिलचस्प हो गया है।
पढ़ें – नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव 5 को, अंडरग्राउंड पार्षदों को भेजी गई सूचना
अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा जमाने के लिए क्रॉस वोटिंग जरूरी है। चाहे कांग्रेस हो या भाजपा। यानि एक क्रॉस वोट अध्यक्ष की कुर्सी दिला सकती है। क्योंकि कांग्रेस-भाजपा के पास 10-10 सीटें है। यहीं वजह है कि दोनों को क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है।
दांव पर कांग्रेस-भाजपा की प्रतिष्ठा
अध्यक्ष की कुर्सी कांग्रेस-भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। दोनों पार्टी के नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। जहां कांग्रेस राज्य की सत्ता में काबिज होने की वजह से पालिका पर कब्जा जमाकर अपना गढ़ बनाने की मंशा रख रही है। वही रिकाऊंटिंग विवाद के बाद भाजपा नेताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर ने मामले को हाई प्रोफाइल बना दिया है। लिहाजा दोनों ही पार्टी कुर्सी पर काबिज होकर एक-दूसरे को आईना दिखाना चाह रही है।
पार्षदों को साधने में लगी पार्टी
पार्टी के नेता नवनिर्वाचित पार्षदों पर कितनी भी विश्वास की बात कर ले, लेकिन क्रॉस वोटिंग का डर दोनों को है। यहीं वजह है कि पार्टियां एक-दूसरे के पार्षद को साधने में लग गए है। पार्टी के बड़े नेता अपने-अपने स्तर पर कम से कम एक पार्षद को अपने खेमे में लाने का प्रयास कर रहे है। ताकि अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा जमा सके। यहां तक कि पार्टियां अपने पार्षदों को साधने का प्रयास कर रही है, ताकि कोई अन्य पार्षदों की कड़ी तोड़ने में कामयाब न हो सके।
उपाध्यक्ष पद का लालसा देकर तोड़ेंगे ?
कांग्रेस-भाजपा अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा जमाने के लिए हर पैंतरा आजमा रही है। पार्टी कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाह रही है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि कोई क्रॉस वोटिंग क्यों करेगा? राजनीति क्षेत्र से जुड़े लोगों की माने तो क्रॉस वोटिंग के लिए उपाध्यक्ष पद का लालसा दे सकते है। क्योंकि उपाध्यक्ष के लिए भी क्रॉस वोटिंग जरूरी है। लिहाजा उपाध्यक्ष बनाने की बात कर तोडऩे का प्रयास किया जा सकता है।
पढ़ें – नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव 5 को, अंडरग्राउंड पार्षदों को भेजी गई सूचना
नए चेहरे पर दांव खेलेगी कांग्रेस
कांग्रेस नए चेहरों पर दांव खेल सकती है। वही टूटने वाली कमजोर कड़ी पर ही दांव खेलेगी। हालांकि कांग्रेस ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले है। लेकिन भाजपा के कददावर नेता रामाधार रजक को पटखनी देने वाले दीपक देवांगन का नाम पहले नंबर है। इसके अलावा एक दिन पहले भाजपा छोडक़र कांग्रेस में शामिल होकर चुनाव जीतने वाली टिकेश्वरी पटेल में भी अध्यक्ष पद के लिए संभावित चेहरा है। इधर दो बार के पार्षद शैलेंद्र वर्मा, अब्दुल रज्जाक खान भी अध्यक्ष पद के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा है। राजनीतिज्ञों की माने तो असंतुष्ट लोगों को ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए नॉमिनेशन मिलेगा।
भाजपा में कौन होगा अध्यक्ष का चेहरा ?
क्रॉस वोटिंग के डर के बीच अध्यक्ष के प्रत्याशी को लेकर भी घमासान मचा हुआ है। अध्यक्ष चेहरे को लेकर ही पार्टी में घमासान मचा हुआ है। पार्टी तीन बार के कांग्रेस पार्षद को परास्त कर दूसरी बार पार्षद बनने वाले विनय देवांगन का नाम अध्यक्ष पद के लिए प्रोजेक्ट कर सकती है। वही पहली बार पार्षद चुनकर आए चंद्रशेखर यादव के नाम की भी चर्चा है।