सीजी क्रांति/मनोज चेलक
खैरागढ़। भले ही जनता का जनादेश बराबर रहा है, कांग्रेस-भाजपा को 10-10 सीटें मिली है। लेकिन वोट शेयर के मामले में भाजपा ने कांग्रेस को पछाड़ दिया है। दोनों के वोट शेयर में एक-दो नहीं, बल्कि करीब 10 फीसदी का अंतर आ रहा है। पार्षद चुनाव में 14386 लोगों ने भाग लिया था। जहां भाजपा को 50.63 फीसदी (7284) वोट मिला है। वही कांग्रेस के खाते में महज 41.06 फीसद (5907) वोट गया है। जबकि अन्य 14 प्रत्याशियों को 4.69 फीसदी (675) और 3.12 फीसदी (450) वोट रिजेक्ट हुए है। जबकि नोट में महज 70 मत गया है। ऐसे में वोट शेयर के लिहाज से बात करें तो अगर अध्यक्ष पद के लिए सीधा मुकाबला होता, तो भाजपा भारी पड़ जाती।
पार्टी | जीते वोट | हारे वोट | वोट शेयर | जीत का अंतर |
भाजपा | 4027 | 3257 | 50.63 प्रतिशत | 1601 |
कांग्रेस | 3481 | 2426 | 41.06 प्रतिशत | 421 |
योग | 13191 | 91.69 प्रतिशत | ||
अन्य | 675 | 4.69 प्रतिशत | ||
रिजेक्ट | 450 | 3.12 प्रतिशत | ||
नोटा | 70 | 00.48 प्रतिशत | ||
महायोग | 14386 |
जीत के अंतर में भी हार
पार्षदी चुनाव में कांग्रेस-भाजपा के पाले में 10-10 सीटें गई है। यानि दोनों ही राजनीतिक पार्टियों ने बराबर की सीटें जीती है। यहां भी कांग्रेस-भाजपा के जीत के आंकड़ों में बड़ा अंतर आ रहा है। जहां भाजपा के 10 विजयी प्रत्याशियों जीत के कुल आंकड़े 1601 है, वही कांग्रेस के 10 विजयी प्रत्याशियों के हिस्से में कुल 421 वोट ही गया है। यानि दोनो पार्टियों के जीत-हार के अंतर में करीब 1180 वोटों का फासला नजर आ रहा है। इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस प्रत्याशियों की बड़े अंतर से हार हुई है। जबकि भाजपा प्रत्याशी करीबी मुकाबले में हारे हैं।
साढ़े 8 फीसदी वोट अन्य व रिजेक्ट
पार्षदी के लिए ताल ठोक रहे वार्ड 20 में बसपा प्रत्याशी को छोड़ दे तो निर्दलीय व अन्य पार्टियों के प्रत्याशियों ने सिर्फ माहौल बनाया था, लेकिन परिणाम का चुनावी समीकरण बिगाडऩे में नकाम रहे है। यानि अन्य और निर्दलीय मिलाकर कुल 675 वोट ही हासिल कर पाए है। जबकि 450 वोट रिजेक्ट हुए है। वही नोटा के खाते में 70 वोट गया है।
दो वार्ड में नोटा भी पसंद नहीं
निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशी पसंद नहीं आने पर नोटा का आप्शन दिया है। लेकिन मतदाताओं को नोटा भी पसंद नहीं आ रहा है। यहीं वजह है कि दो वार्ड में नोटा का खाता भी नहीं खुल पाया। जबकि 18 वार्डों में नोट दहाई के आंकड़े से भी नहीं छू पाया है।