सीजी क्रांति/खैरागढ़। विधानसभा उप चुनाव में कांग्रेस ने पहले घोषणा पत्र जारी कर भाजपा को सकते में डाल दिया है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में हर वह सौगात देने की कोशिश की है, जो जनता चाहती है। खासकर जिला निर्माण को मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। हालांकि इस पर मिली—जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है।
कुछ लोग खैरागढ़ को जिला बनाए जाने से विकास की उम्मीद कर रहे हैं, तो एक वर्ग ऐसा भी है जिनका मानना है कि जिला बनने से कोलाहल बढ़ने, प्रशासनिक हस्तक्षेप बढ़ने, बाहरी लोगों के आमदरफ्त बढ़ने से खैरागढ़ की शांति एवं जीवन शैली प्रभावित होने की बात कह रहे हैं।
बहरहाल अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा अपना घोषणा पत्र कब जारी करेगी और उसमें जनता को क्या देने का वादा किया जाएगा। फिलहाल तो भाजपा की रणनीति यही दिख रही है कि ‘भूपेश है तो भरोसा है’ इस धारणा पर हमला किया जा रहा है। कांग्रेस इससे पहले छत्तीसगढ़ में 4 जिला निर्माण की घोषणा कर चुकी है। अब तक उसके अस्तित्व में न नहीं आया है। वही नगरीय निकाय चुनाव में भी जिला निर्माण का संकेत देकर वादा पूरा नहीं किए जाने के कारण कांग्रेस के भरोसे पर संशय पैदा किया जा रहा है।
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भाजपा अपने घोषणा पत्र जारी करने के पहले कांग्रेस के घोषणा और वायदों को झुठलाने की हर संभव कोशिश कर रही है। वहीं कांगेस यह आरोप लगा रही है कि 15 साल सत्ता में रहने के बाद भाजपा क्षेत्र में जनता के मंशानुरूप काम नहीं कर पाई। जिला बनाने की मांग भाजपा कार्यकाल से चला आ रहा है लेकिन इस पर तत्कालीन सरकार ने ध्यान नहीं दिया। शहर के अंदर हुए भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया जा रहा है।
साथ कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता अपने 29 सूत्रीय घोषणा पत्र लेकर जनसंपर्क में निकल रही है। खैरागढ़ शहर में भाजपा—कांग्रेस दोनों ही दलों के कार्यकर्ताओं में प्रत्याशी को लेेकर उत्साह नजर नहीं आ रहा हैं हालांकि दोनों ही प्रत्याशियों के कट्टर समर्थक व संगठन के विचार से जुड़े लोग सक्रिय हैं। लेकिन अभी दोनों ही दल का एक बहुत वर्ग यदि सक्रिय नहीं किया गया तो पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।