सीजी क्रांति/खैरागढ़। परिसीमन से बदली वार्डो की तस्वीर ने प्रत्याशी चयन के समय कांग्रेस-भाजपा का समीकरण बिगाड़ा है। वार्ड में चुनावी मुद्दों से लेकर जातिगत समीकरण भी प्रभावित हुए है। कुछ ऐसा ही हाल वार्ड 03 गंजीपारा का भी है। परिसीमन में लालपुर के कटने के बाद गंजीपारा का चुनावी गणित बदल गया है। पहले वार्ड में लालपुर और गंजीपारा के यादव वोटरों पर प्रत्याशियों की जीत-हार तय करते थे। लेकिन अब लालपुर के कटने के साथ ही यादव वोटर भी कट गए है। अब लालपुर से सटे मोंगरा के 100 वादव वोटर वार्ड के किंग मेकर बन गए है।
शहर का वार्ड नंबर 03 गंजीपारा में तीन प्रत्याशी पार्षदी के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस-भाजपा के अलावा जनता कांग्रेस ने भी अपना प्रत्याशी उतारा है। आठ सौ 74 की आबादी वाले गंजीपारा में 652 वोटर है। जिसमें 313 महिला और 339 पुरुष शामिल है।
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यहां तीन प्रत्याशी चुनावी मैदान में है। लेकिन पार्षद पद के लिए कांग्रेस-भाजपा के बीच ही टक्कर देखने को मिल रही है। कांग्रेस ने दिलीप राजपूत को मैदान में उतारा है। जबकि भाजपा ने अपने पुराने कार्यकर्ता अरुण यादव को टिकट दिया है।
100 यादव वोटर बनेंगे किंगमेकर
मोंगरा में निवासरत 100 यादव वोटर चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाने वाले है। अगर प्रत्याशी उन वोटरों को साध लेते हैं, तो जीत निश्चित हो जाएगी। खास बात यह है कि भाजपा ने ही यादव (अरुण) प्रत्याशी पर दांव खेला है, जबकि कांग्रेस (दिलीप राजपूत) -जनता कांग्रेस (रूपा सिंह) ने जातिगत समीकरण को ध्यान में नहीं रख पाए है।
यहीं वजह है कि गंजीपारा वार्ड के पार्षदी की जंग में भाजपा प्रत्याशी प्लस प्वाइंट में चल रहे हैं। माना जा रहा है कि वार्ड के पार्षद चुनाव में मोंगरा के 100 यादव वोटर किंग मेकर साबित होंगे।
तीन मोहल्लों से तीन प्रत्याशी
शहर के गंजीपारा वार्ड का निर्माण तीन अलग-अलग मोहल्लें से मिलकर बना है। जिसमें गंजीपारा, गायत्री नगर और मोंगरा शामिल है। यादव बाहुल्य गंजीपारा से भाजपा की टिकट से अरुण यादव चुनावी मैदान में है। वही गायत्री नगर से रूपा सिंह जनता कांग्रेस से ताल ठोक रही है। जबकि मोंगरा से कांग्रेस से दिलीप राजपूत मैदान में है।
वार्ड का सबसे बड़ा मुद्दा सुलझा
मोंगरा की सबसे बड़ी समस्या पुल की थी। क्योंकि मोंगरा को सीधे शहर से जोडऩे के लिए पिपरिया नदी रोड़ा बन रहा था। लेकिन अब जिला न्यायालय के सामने से पक्की सडक़ के साथ मोंगरा को जोडऩे के लिए पुल भी बन गया है। वहीं पुल बनाने का श्रेय भी पार्टी विशेष को जा रहा है। यहां लोगों का कहना है कि उनकी सबसे बड़ी समस्या दूर हुई है, तो झुकाव पार्टी विशेष की तरफ है। लेकिन वोटिंग में बहुत दिन है, एक-दो पहले ही निर्णय हो पाएगा कि वोट किसको पड़ेंगे।