बड़ी खबर : कुलपति के निज सचिव को पदोन्नति देने के विरोध में उतरा विश्वविद्यालय के कर्मचारी संघ

कुलपति के निज सचिव को पदोन्नति

सीजी क्रांति/खैरागढ़। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के कुलपति के निज सचिव को पदोन्नति देने के विरोध में विश्वविद्यालय का ही कर्मचारी संघ लामबंद हो गया है जिन्हें खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह का भी साथ मिल रहा है.

जानकारी अनुसार इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के कर्मचारी संघ ने दो दिनों पहले विश्वविद्यालय के अति महत्वपूर्ण माने जाने वाले कार्यकारिणी की बैठक से ठीक पहले कुलपति ममता चंद्राकर और प्रभारी कुलसचिव इंद्रदेव तिवारी को पत्र लिखकर अपनी आपत्ति दर्ज की है. कर्मचारी संघ ने कहा है कि व्यक्ति विशेष को पदोन्नति दिये जाने के लिये परिनियम-14 में किये जा रहे संशोधन को रोका जाना चाहिये. ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा एक व्यक्ति विशेष (कुलपति के निज सचिव) को सहायक कुलसचिव के पद पर पदोन्नत करने के लिये परिनियम-14 में आवश्यक संशोधन का प्रस्ताव पारित किया जा रहा है जो कि अत्यंत ही आपत्तिजनक एवं बहुसंख्यक कर्मचारियों के भविष्य के खिलाफ है.

कर्मचारी संघ ने आगे अपनी आपत्ति दर्ज करते हुये कहा है कि साल 2006 में 30 जून को वर्तमान में कुलपति ममता चंद्राकर के निज सचिव राजेश कुमार गुप्ता द्वारा ही जब वह स्टेनोग्राफर के पद पर कार्यरत था तब उनके द्वारा छग लोक सेवक पदोन्नति नियम-2003 एवं शासन के अन्य विभिन्न नियमों का वर्णन करते हुये शीघ्र लेखक संवर्ग एवं लिपकीय संवर्ग पृथक-पृथक करने का आग्रह किया गया था, कर्मचारी संघ ने संबंधित के पत्र की प्रति भी अपने आपत्ति पत्र के साथ कुलपति व कुलसचिव को प्रेषित की है और कहा है कि कर्मचारियों के हित को देखते हुये विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व में परिनियम-14 में आवश्यक संशोधन जो किया गया था उसे नहीं बदला जाना चाहिये.
विश्वविद्यालय के परिनियम-14 के तहत कुलपति के निज सचिव को नहीं मिल सकती पदोन्नति।

मामले को लेकर ज्ञात हो कि वर्तमान में विश्वविद्यालय में लागू परिनियम-14 के तहत कुलपति ममता चंद्राकर के निज सचिव राजेश कुमार गुप्ता को सहायक कुलसचिव के पद पर पदोन्नति नहीं मिल सकती. प्रावधान के अनुसार शीघ्र लेखक संवर्ग में स्टेनो टाईपिस्ट से स्टेनो ग्राफर, स्टेनो ग्राफर से निज सहायक एवं निज सहायक से निज सचिव के पद सृजित होते हैं निज सचिव के बाद पदोन्नति का कोई भी प्रावधान शासन में नहीं है लेकिन कुलपति के निज सचिव द्वारा परिनियम-14 में संशोधन करवाकर सहायक कुलसचिव का पद प्राप्त किये जाने की जानकारी मिल रही है. ऐसे में कर्मचारी संघ उद्वेलित हैं और अगर ऐसा होता है तो विश्वविद्यालय में वर्तमान में लगभग 50 कर्मचारी लिपकीय संवर्ग में कार्यरत हैं और निज सहायक-निज सचिव को सहायक कुलसचिव के पद पर पदोन्नत करने के लिये संबंधित परिनियम में संशोधन से उन सभी कर्मचारियों की सहायक कुलसचिव के पद पर पदोन्नति के रास्ते बंद हो जायेंगे जो कि उनके नैसर्गिक न्याय के विरूद्ध होगा.

कर्मचारी संघ ने कहा है कि व्यक्ति विशेष को असंवैधानिक लाभ देकर बहुसंख्यक कर्मचारियों के हितों के साथ कुठाराघात किया जाना अत्यंत ही आपत्तिजनक होगा अगर ऐसा होगा तो संघ इसका घोर विरोध करेगा. बावजूद इसके कार्यकारिणी की बैठक में गुपचुप तरीके से संशोधन की तैयारी की खबर है.

विश्वविद्यालय में दो दिनों पूर्व 23 सितम्बर को आहूत की गई कार्यकारिणी की बैठक में कुलपति के निज सचिव से संबंधित पदोन्नति विषय को लेकर विधायक देवव्रत सिंह ने भी कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुये अपना विरोध किया है. बताया जा रहा है कि विधायक के विरोध के बाद बहरहाल कार्यकारिणी में पदोन्नति विषयक प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन आगे किस दिशा में बढ़ेगा यह देखना भी दिलचस्प होगा.

कुलपति ममता चंद्राकर के निज सचिव को सहायक कुलसचिव के पद पर पदोन्नत करने के लिये परिनियम-14 में आवश्यक संशोधन की जानकारी मीडिया में आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन का पक्ष लेने कुलपति ममता चंद्राकर व प्रभारी कुलसचिव इंद्रदेव तिवारी से दूरभाष पर संपर्क किया गया पर इनके द्वारा कॉल रिसीव नहीं किया गया और जिम्मेदारों ने अपना पक्ष रखने चर्चा नहीं की.

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