पीएससी भर्ती परीक्षा मामले में राज्यपाल से मिला भाजयुमो, रखी 4 प्रमुख मांगे, लगाए 7 आरोप, 19 जून को पीएससी संग्राम की भी दी चेतावनी


सीजी क्रांति न्यूज/ रायपुर। सीजी पीएएससी भर्ती परीक्षा में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत के नेतृत्व में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर जांच की मांग की गई। भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत ने कहा कि ये एक बहुत ही संवेदनशील मामला है। युवाओं के भविष्य का सवाल है। इस पर सूक्ष्मता से जांच होनी चाहिए। श्री भगत राज्यपाल के सम्मुख 4 प्रमुख मांगे भी रखी है।
उन्होंने बताया कि पीएससी भ्रष्टाचार मामले में 19 जून 2023 को राजीव गांधी चौक से दोपहर 1 बजे एक विशाल आंदोलन पीएससी संग्राम के लिए हजारों युवा मुख्यमंत्री निवास की ओर कूच करेंगे। इस अवसर पर भाजपा प्रदेश महामंत्री विजय शर्मा, भाजयुमो प्रदेश सह प्रभारी वैभव बैस, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य गुंजन प्रजापति,प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत, प्रदेश महामंत्री उपकार चंद्राकर,प्रदेश उपाध्यक्ष रोहित माहेश्वरी, प्रदेश मंत्री शांतनु शुक्ला, राहुल राव आदि उपस्थित थे।

भाजयुमो की प्रमुख मांगें –

  1. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा-2021 परिणाम को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए और परीक्षा दोबारा आयोजित की जाए।
  2. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग-2021 की राज्य सेवा परीक्षा परिणाम की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।
  3. आयोग के अध्यक्ष को तत्काल निलंबित किया जाए।
  4. आयोग के सचिव और परीक्षा नियंत्रक को भी तत्काल निलंबित करते हुए रिटायर्ड उच्च न्यायालय के जज से जांच शुरू करवाई जाए।

भाजयुमों ने लगाए यह आरोप

  1. वर्ष 2019 – वर्ष 2023 तक छत्तीसगढ़ की समस्त भर्तियां पूर्णता विवादित रही है प्रत्येक भर्ती परीक्षा के न्याय हेतु राज्य के समस्त प्रतिभावान विद्यार्थियों को माननीय उच्च न्यायालय में अपील करनी पड़ी है।
  2. वर्ष 2019-20 में आयोजित सहायक प्राध्यापक परीक्षा में प्रदेश के सर्वाेच्च पद की आसंदी पर विराजित व्यक्ति की पुत्री हेतु विषय के नियमों में बदलाव करवा कर समय समाप्त हो जाने पर भी पुनरू आवेदन की प्रक्रिया करवाई गयी तथा परीक्षा का आयोजन करते हुए सीधे परिणाम और मेरिट सूची जारी किया गया और पदस्थापना दी गयी परन्तु आज तक सम्बंधित विषय के अंकों की सूची आयोग द्वारा जारी नहीं किया गया।
  3. वर्ष 2019-20 में आयोजित सहायक प्राध्यापक परीक्षा में प्रदेश के कई महत्वपूर्ण पदों पर आसीन मंत्रियों एवं अधिकारीयों के सम्बन्धियों की नियुक्तियां किये जाने का आरोप लगाया गया।
  4. वर्ष 2019 से छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग के राज्य सेवा परीक्षा सम्बन्धी नियमों में संशोधन कर मॉडल उत्तर के दावा आपत्ति के पश्चात जारी होने वाले संशोधित उत्तर को बंद कर सीधे अंतिम परिणाम के समय जारी करने का नियम बनाया गया , जो छात्रों के मानसिक अवसाद का कारण बना। इसी बीच कई विद्यार्थियों ने आत्महत्या जैसे कदम भी उठाये है।
  5. विगत दिवस छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा-2021 का अंतिम परिणाम जारी किया गया जिसकी सूची जारी होने के पश्चात ही मेरिट सूची में शामिल अभ्यर्थियों के चयन को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हुआ है। चयन सूची में आयोग के अध्यक्ष के पुत्र का नाम बिना उपनाम के शामिल है, प्रदेश के प्रमुख अधिकारी जनों के पुत्र- पुत्रियां, निजी पार्टी के नेता के बेटी- दामाद का चयन भी प्रथम 20 लोगों की सूची में शामिल होना संदेह की स्थिति उत्पन्न करता है।
  6. छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग जैसी प्रतिष्ठित संस्था का कार्य प्रदेश में क्लास -2/3 के महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर भर्ती एवं नियुक्ति करना है परन्तु वर्ष-2022 में आयोग द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग के भृत्य (लेवल -1)के 80 पदों पर भर्ती प्रक्रिया आयोग द्वारा करवाई जा रही है जबकि यह भर्ती प्रक्रिया छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) के अंतर्गत होनी थी।
  7. अभी वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा छात्रावास अधीक्षक श्रेणी-द की 500 पदों की भी भर्ती अधिसूचना जारी की गयी है जबकि यह भर्ती प्रक्रिया छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) के अंतर्गत होनी थी।

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