सीजी क्रांति/खैरागढ़। गोपालपुर में हुए सड़क हादसे की बड़ी वजह कार की रफ्तार होना भी है। फॉरेंसिक टीम द्वारा घटनास्थल से जुटाए गए तथ्य यहीं बयान कर रहा है। जिसमें सामने आया है कि कार की रफ्तार सामान्य से अधिक रही होगी। इसी दौरान कार चालक को झपकी आ गई। पुलिया से टकराने के बाद कार की हेड लाइट तक बाहर आ गई, यह कार के स्पीड को बयां कर रही है। इसके अलावा पुल से टकराने के बाद अल्टे कार घटना स्थल पर ही 180 डिग्री घुमकर वापस राजनांदगांव की ओर मुड़ गई।
पुलिया से तेज टक्कर के बाद कार घटना स्थल पर 180 डिग्री मुड़कर पलट गई। कार का बायां हिस्सा टक्कर में बुरी तरह डैमेज हुआ, फिर आग लग गई। आटो एक्सपर्ट की माने तो फ्यूल टंकी से इंजन तक पहुंचने वाला पाइप टक्कर के बाद खुल गया होगा और बैटरी में शॉर्ट सर्किट होने से आग लगी होगी। उनका मानना है कि जिस तरह कार धधक रही थी, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कार में पूरी तरह से आग फैलने में महज 5 से 7 मिनट का समय लगा होगा। यानी जिंदगी और मौत के बीच का फसला भी 5 से 7 मिनट का ही रहा होगा। आटो एक्सपर्ट की माने तो कार या तो सेंटल लॉक सिस्टम वाली रही होगी या फिर जोरदार टक्कर के बाद कार में सवार लोग बेसुध हो गए होंगे और घबराहट में कुछ समझ नहीं आया होता या हो सकता है।
हादसों वाली सड़क
इधर पुलिस रिकार्ड के हिसाब से देखें तो इस सड़क में हर साल दुर्घटना में 35 मौतें हो रही हैं। इस लिहाज से हर महीने 3 लोगों की जान जा रही है। पुलिस इन हादसों में बड़ी वजह बेलगाम रफ्तार को अधिक मान रही है, वहीं स्थानीय लोग सड़क की चौड़ाई बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। कुछ हिस्सों को छोड़ दिया जाए तो सड़क की औसत चौड़ाई साढ़े 5 मीटर है। इसमें रोजाना 5 हजार से अधिक गाड़ियां दौड़ रही है।
गाड़ियों का दबाव सड़क पर बढ़ा है। लेकिन चौड़ाई निर्माण के दौरान वाली ही है। वहीं 40 किमी लंबी इस सड़क में 10 खतरनाक अंधे मोड़ और करीब 10 ऐसी जगह हैं, जिसे दुर्घटना के लिहाज से अति संवेदनशील माना गया है। राजनांदगांव से कवर्धा तक सड़क की चौड़ाई बढ़ाने नेशनल हाईवे की टीम ने दो बार सर्वे किया है। सर्वे के बाद काम की गति नहीं बढ़ रही है। सिस्टम की धीमी चाल और गाड़ियों की बेलगाम रफ्तार यहां जिंदगियां लील रही है।