सीजी क्रांति/खैरागढ़। नगर के राम मंदिर का विवाद अभी सुलझा नहीं था, कि धरमपुरा के शनि मंदिर का विवाद सामने आ गया है। शनि मंदिर समिति के सचिव गणेश राम सिन्हा ने अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष पर बिना पूछे पैसों का लेनदेन और मनमानी करने का आरोप लगाया है। आज सुबह मंदिर परिसर में आयोजित बैठक के बाद समिति के सचिव और सदस्यों के बीच जारी विवाद खुलकर सामने आ गया। बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने एक—दूसरे पर कई आरोप लगाये। बैठक में सदस्यों ने सर्वसम्मति से आगामी 17 अक्टूबर को सार्वजनिक मीटिंग कर मंदिर समिति का पुर्नगठन करने का निर्णय लिया है।
क्या है शनि मंदिर समिति का विवाद
शनि मंदिर समिति के सचिव गणेराम सिन्हा ने बताया कि वो सालों से सपरिवार मंदिर की सेवा करते आये हैं। इसी आधार पर वो चार साल से मंदिर समिति से एक कॉम्पलेक्स की मांग कर रहा है, लेकिन समिति के सदस्यों ने आज तक उसे कॉम्पलेक्स नहीं दिया है। सचिव ने बताया कि उसे अब कॉम्पलेक्स नहीं चाहिए। वो अब मंदिर के बाहर निर्मित कॉम्लेक्स को तोड़कर भव्य शिव मंदिर बनवाना चाहता है। सचिव गणेराम सिन्हा ने आगे बताया कि समिति का बैंक खाता अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और सचिव के नाम पर है। अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष पर बिना बताये पैसों का लेनदेन करने का आरोप लगाया है।
मामूली विवाद था — रामाधार
मामले को लेकर मंदिर समिति के अध्यक्ष व भाजपा नेता रामाधार रजक ने बताया कि नवरात्रि के संबंध में बैठक रखा गया था। मंदिर के पुजारी को कॉम्लेक्स दिया गया है। कुछेक सदस्यों द्वारा पुजारी से कॉम्लेक्स खाली कराने की मांग की जा रही है। मामूली विवाद था। आगामी 17 अक्टूबर को समिति की बैठक रखी गई है, जिसमें समिति का पुर्नगठन व आय—व्यय का लेखा—जोखा प्रस्तुत किया जायेगा।