आदिवासियों को बताया नक्सली समर्थक समाज ? “नई दुनिया” अखबार के संपादक पर कार्रवाई की मांग

आदिवासियों को बताया नक्सली समर्थक समाज ? "नई दुनिया" अखबार के संपादक पर कार्रवाई की मांग
"नई दुनिया" अखबार के संपादक पर कार्रवाई की मांग को लेकर पहुँचे आदिवासी समाज पदाधिकारी

00 आदिवासी समाज को बदनाम करने का आरोप
00 संपादक और प्रकाशक पर कार्रवाई की मांग

सीजी क्रांति/खैरागढ़. “आदिवासी बचाओ, संविधान बचाओ” अभियान के तहत आदिवासी समाज द्वारा बीते माह 29 जून को मोहला में आयोजित जिला स्तरीय जन आक्रोश रैली के दूसरे दिन 30 जून को “नई दुनिया” अखबार में प्रकाशित समाचार में “नक्सली समर्थक समाज” शब्द के उपयोग पर गहरी नाराज़गी जताते हुए आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने अखबार के संपादक और प्रकाशक पर एट्रोसिटी एक्ट का मामला दर्ज करने की मांग की है.

शुक्रवार को आदिवासी समाज के रामजी सिदार, हर्षदीप सिंग कोडापे, डेरहा राम मरकाम, राजा धर्मेंद्र सिंह कुंजाम, हेमू कुंजाम, संतराम मंडावी, योगेश्वर नेताम ने गातापार थाना पहुँचकर थाना प्रभारी से “नई दुनिया” अखबार के संपादक और प्रकाशक पर एट्रोसिटी एक्ट का मामला दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा है.

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ज्ञापन में लिखा है कि आदिवासी समाज को बदनाम करने की मंशा से “नई दुनिया” अखबार में प्रकाशित समाचार में आदिवासी समाज को सीधा-सीधा नक्सली समर्थक बताया गया है. समाचार प्रकाशन के बाद से पूरे समाज में रोष है.

आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने अखबार के संपादक और प्रकाशक के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट 3 (1) (U) एवं आईपीसी की धारा 153-A के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है.

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