सीजी क्रांति/खैरागढ़। शहर में संचालित होने वाले स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल का सब स्वागत कर रहे है। लेकिन स्कूल के संचालन को लेकर स्थल चयन पर आपत्ती आ रही है। आत्मानंद स्कूल के लिए पहले कन्या शाला का चयन किया गया था। लेकिन बाद उसे बख्शी स्कूल में संचालित करने का प्लान तैयार किया गया। लेकिन अब तक स्कूल संचालन को लेकर ब्लू प्रिंट सार्वजनिक नहीं हुआ है। जिसके चलते स्वामाी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की वजह से बख्शी स्कूल के अस्तित्व को लेकर सवाल खड़ा हो गया।
यहीं वजह है कि यहीं वजह है कि डॉ.पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी स्कूल में अध्ययनरत रहे भूतपूर्व छात्र चिंतित नजर आ रहे हैं। भूतपूर्व छात्रों ने बख्शी स्कूल के गौरवशाली इतिहास को संरक्षित करने के लिए मोर्चा खोल दिया है। वे लगातार बैठक कर स्कूल के गौरव को बचाने को प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने नए जिले के ओएसडी डॉ जगदीश सोनकर को ज्ञापन सौंपा है। जिसमें स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम का स्कूल पूर्व चयनित स्थान कन्या शाला में संचालित करने की मांग रखी है।
ज्ञापन में बताया गया है कि जिला शिक्षा अधिकारी के मार्गदर्शन में कुछ दिनों पूर्व स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल के संचालन के लिये बख्शी स्कूल का चयन अस्थाई रूप से किया गया है। लेकिन अस्थाई रूप से आत्मानंद स्कूल के संचालन का शासन स्तर पर कोई प्रावधान नहीं है। इसलिये पूर्व निर्धारित सिविल लाईन स्थित कन्या शाला में आत्मानंद स्कूल का संचालन किया जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी बताया है कि पहले खैरागढ़ के तत्कालीन विधायक स्व.राजा देवव्रत सिंह द्वारा कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा से भेंटकर आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल के संचालन के लिये कन्या शाला का चयन किया गया था। इस बाबत कलेक्टर जिलाधीश तारण प्रकाश सिन्हा ने स्कूल का अवलोकन भी किया था। लेकिन बाद में इस निर्णय को बदल दिया गया। जिसकी वजह साफ नहीं है और अस्थाई रूप से बख्शी स्कूल में आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल के संचालन का निर्णय प्रस्ताव पारित कर लिया गया है। इस अवसर पर बख्शी स्कूल के पूर्व छात्र बृजेश द्धिवेदी, जफरउल्लाखन, राजू यदु, अनुराग तुरे, सुयश बहादुर सिंह, जितेंद्र यादव,नवदीप श्रीवास्तव, अखिलेश श्रीवास्तव, मंजीत सिंह, महेश बंजारे, विनोद रजक, राजकुमार निषाद, विमल बोरकर, विनोद वर्मा, नीतिन रजक, भीमा समेत बड़ी संख्या में भूतपूर्व छात्र मौजूद थे।
इसी स्कूल में पढ़ें थे अविभाजित मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री
डॉ.पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय 1885 (137 वर्ष) से हिन्दी माध्यम में ही संचालित है और पूर्व में दिक्टोरिया स्कूल के नाम से समूचे मध्य भारत में प्रसिद्ध रहे इस संस्था में स्वयं डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी सहित अविभाजित मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पं रविशंकर शुक्ल व देश के विभिन्न विद्वानों ने अध्यापन कार्य किया है और इस संस्था में अध्ययनरत रहे छात्र आज देश-विदेश में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। पूर्व में शासन द्वारा इसका नाम विक्टोरिया स्कूल से बदलकर डॉ.पदुमलाल पुन्नालाल विख्शी के नाम पर रखा गया है, जो खैरागढ़ के मूल निवासी थे और यहीं से बख्शी जी ने हिन्दी साहित्य जगत को अपनी कालजयी रचनाएं दी हैं। हम चाहते हैं कि भविष्य में भी यहाँ हिन्दी माध्यम स्कूल बख्शी जी के नाम से संचालित रहे।
137 सालों से संचालित है स्कूल, अभी दो हजार से ज्यादा अध्ययनरत
विगत 137 वर्षों से यहां न केवल संपन्न अपितु विपन्न वर्ग के छात्र-छात्राएं अध्ययन करते आये हैं और वर्तमान में यहां लगभग 2 हजार से अधिक छात्र हिन्दी माध्यम में अध्ययनरत हैं। नियमों के मुताबिक पता चला है कि जिस भी संस्था में आत्मानद अंग्रेजी स्कूल का संचालन किया जाता है। तो वहां पूर्व में संचारि हिन्दी माध्यम की संस्था पूर्णतः बंद कर दी जाती है। इसी भय व आशंका के कारण हम सभी भूतपूर्व छात्रों ने इस ऐतिहासिक संस्था के अस्तित्व बचाने के लिए मोर्चा खोला है।
हिंदी मीडिया को कमतर आंकना ठीक नहीं—भागवत शरण
सांसद प्रतिनिधि भागवत शरण सिंह ने कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूल का स्वागत है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हिंदी मीडिया को कमतर आंका जाए। आज देश हिंदी की ओर आगे बढ़ रहा है। देश के प्रधानमंत्री देश और विदेशों में हिंदी बोल और बोलवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पदुमलाल पुन्ना लाल बख्शी स्कूल हमारे शहर की ऐतिहासिक धरोहर है, इस स्कूल में किसी अन्य स्कूल का मर्ज किया जाना कतई उचित नहीं है।