सीजी क्रांति/खैरागढ़। खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में मतगणना के बाद स्थिति स्पष्ट हो चुकी है। कांग्रेस की जीत तय है। सरकार उप चुनाव में अपने किए वायदे को निभाने की तैयारी शुरू कर चुकी है। सूत्रों के मुताबिक खैरागढ़, छुईखदान और गंडई को जिला बनाने की घोषणा हो सकती है! इसमें नए जिले की सीमा आदि पर दावा-आपत्ति भी मंगाने की प्रक्रिया भी शामिल होगी।
खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के नया जिला बनने से पुराना राजनांदगांव जिला तीन हिस्सों में बंट जाएगा। इसी जिले में एक नया जिला मोहला-मानपुर-चौकी भी प्रस्तावित है। बताया जा रहा है, अभी राजनांदगांव जिले का क्षेत्र 8 हजार 70 वर्ग किलोमीटर है। प्रस्तावित मोहला-मानपुर-चौकी जिले में अम्बागढ़ चौकी, मोहला और मानपुर तहसीलें चली जाएंगी। वहीं खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में खैरागढ़ और छुईखदान तहसीलों के साथ डोंगरगढ़ तहसील का भी कुछ हिस्सा शामिल हो सकता है। मूल राजनांदगांव जिले में चार तहसीलें राजनांदगांव, डोंगरगढ़, डोंगरगांव और छुरिया शामिल रहेंगी।
सीएम भूपेश बघेल ने दावा किया था कि 16 अप्रैल को खैरागढ़ में कांग्रेस का विधायक बनेगा और 17 अप्रैल को ‘खैरागढ़-छुईखदान-गंडई’ नया जिला बन जाएगा। जनता को भूपेश बघेल की यह बात भा गई। जनता अपने वोट से साफ कर दिया है कि वह जिला बनाने की पक्षधर है।
बता दें कि सरकार ने पहले ही खैरागढ़ को जिला बनाने की औपचारिक तैयारी कर रखी है। ताकि कांग्रेस उम्मीदवार की जीत के साथ ही जिला की घोषणा की जा सके। इसके लिए जिला की भौगोलिक सीमा समेत स्टॉफ इत्यादी की व्यवस्था पर शुरूआती होमवर्क किया जा चुका है।
बता दें कि नए जिले के गठन का अधिकार पूरी तरह राज्य सरकार के पास होता है। सामान्य तौर पर इसे एक कार्यकारी आदेश के जरिए गठित किया जाता है। शुरुआत में प्रस्तावित जिले की सीमाओं आदि विवरण के साथ राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित होती है। इसपर नागरिकों से दावा-आपत्ति मंगाया जाता है। इसकी सुनवाई के बाद जिला गठन की अधिसूचना जारी होती है।