सीजी क्रांति न्यूज/ खैरागढ़। राजनांदगांव लोकसभा से सांसद संतोष पांडेय की जीत के बाद खैरागढ़ में उनके समर्थकों में खासा उत्साह रहा। जैसे ही उनकी टिकट तय होने की खबर मिली, समर्थकों ने जमकर आतिशबाजी की। मिठाईयां बांटी। खुशी का इजहार करने वालों में उनकी तादात अधिक थी, जो अभी भाजपा की राजनीति में हाशिए पर हैं। आश्चर्य यह रहा कि पार्टी का प्रत्याशी तय होने के बाद स्थानीय स्तर पर संगठन के अधिकांश प्रमुख पदाधिकारी और प्रभावी लोग घर से बाहर ही नहीं निकले और न ही खुशी का इजहार किया।
तय है कि संतोष पांडेय की जीत होने की स्थिति में भाजपा में पॉवर सेंटर का विभाजन होगा। स्थानीय राजनीति में नए लोगों और उपेक्षित लोगों की पूछपरख होगी। साथ ही ऐसे लोगों की एक बड़ी टीम एकजुट होने की स्थिति में भाजपा के भीतर अब नई शक्ति का उदय होगा। ऐसी संभावना को नकारा नहीं जा सकता। संघ और हिंदू संगठन से जुड़े लोग जमीन स्तर पर चुनावी कैंपेन संभालेंगे।
जिले की राजनीति में लंबे समय से अपनी योग्यता के अनुपात में वाजिब स्थान पाने की बजाय हाशिए पर चल रहे लोगों का पार्टी में कद और प्रभाव बढ़ेगा। पार्टी से नाराज, उपेक्षित और दूर जा रहे लोग अब इनके कारवां में शामिल होकर एक बार फिर पार्टी के मुख्यधारा की राजनीति से जुड़ सकेंगे।
बीते कुछ साल में सांसद संतोष पांडेय ने खैरागढ़ की राजनीति में संजीदगी से रूचि ली। विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होकर उन्होंने आम जनता ही नहीं बल्कि पार्टी के पुराने और नए समर्पित कार्यकर्ताओं से संपर्क और संवाद कायम कर निजी रिश्ता बनाने में सफल हुए। खैरागढ़ की राजनीति में श्री पांडेय की सक्रियता से उन लोगों को संजीवनी मिली, जिन्हें स्थानीय स्तर पर दरकिनार कर दिया गया था।
इनमें अधिकांश मूल रूप से भाजपाई है। जो भाजपा नेताओं से नाराज हुए। बगावत भी की, पार्टी से किनारा किया लेकिन पार्टी के विचारों से जुड़े रहे। अब ऐसे लोगों की तादात काफी बढ़ चुकी है। यदि ये एकजुट हुए तो यह तय है कि जिले की राजनीति में अब तक दबदबा कायम रखने वालों के खिलाफ चुनौती बनकर सामने खड़े हो सकते हैं।