सीजी क्रांति/रायपुर। प्रदेश भर के लगभग 10 हजार संविदाकर्मी रायपुर तूता धरना स्थल में पहुंचें और एक साथ शिव तांडव गाकर राज्य सरकार से नियमितीकरण का वादा पूरा करने की अपील की।
कर्मचारियों को पुलिस ने रोका, हुई झूमा-झटकी
कर्मचारी कमेटी को ज्ञापन सौंपना चाहते थे किंतु कमेटी से ज्ञापन लेने कोई नहीं आया जिससे नाराज कर्मचारियों ने ज्ञापन फाड़कर अपना विरोध दर्ज किया। प्रांताध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने कहा कि यदि यह सरकार हमें अनदेखा करती है तो 17 जुलाई से जेल भरो आंदोलन करने को हम मजबूर होंगे।
08 मार्च 2019 को गठित समिति को रैली के माध्यम से संविदा कर्मचारी अपनी मांग का ज्ञापन सौंपने मंत्रालय की ओर बढ़ रहे थे, जिसे पुलिस प्रशासन ने बैरीगेट के माध्यम से रोका जिसमे पुलिस के साथ झूमा झटकी भी हुई। इनका कहना है कि अध्यक्ष श्री पिंगुवा जी शामिल 05सदस्यो द्वारा इतने दिनो में क्या निर्णय लिया गया है यह नहीं पता। साथ ही उक्त समिति के पदाधिकारीयो को सार्वजनिक रूप से ज्ञापन सौपकर हम अपनी मांग उन्हें अवगत कराना चाहते है चूंकि 90 विधायक और 33 जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने के बाद भी सरकार अभी तक संज्ञान नहीं ली है।
तूता धरना स्थल रायपुर शहर से दूर होने के बावजूद लगभग 10 हजार की संख्या में संविदाकर्मी हड़ताल में पहुंचकर अपनी आवाज बुलंद की। यह पहला अवसर है जबकि धरना स्थल पंडाल पर जितनी भीड़ जुटी उतनी ही प्रांगण और बाहर भी उतनी भीड़ खड़ी हुई।
महासघ के प्रांत अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने बताया कि जनघोषणा पत्र में किए गए वादे अनुरूप संविदा नियमितिकरण की मांग को लेकर स्वास्थ्य विभाग सहित पंचायत , कृषि, शिक्षा, महिला बाल विकास और अन्य विभाग के संविदा कर्मचारी शामिल है। सभी विभाग के 45000 संविदा कर्मचारी 3 जुलाई से निरंतर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे है।
कार्यकारी अध्यक्ष अशोक कुर्रे वर्ष 2019 में गठित कमेटी का रिपोर्ट अभी भी निर्णय नहीं हो पाया है । वर्तमान में सरकार द्वारा किसी भी प्रकार का संवाद कायम नहीं किया गया है, जिसके चलते रायपुर में कर्मचारी अब प्रदेश स्तर पर हड़ताल की शुरुआत की हैं ।
कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सिन्हा ने कहा कि आंदोलन अब और भी तीव्र होता जायेगा क्योंकि सरकार बात करने की कोई पहल नहीं कर रही है।
मीडिया प्रभारी एवं प्रवक्ता सूरज सिंह ठाकुर ने कहा कि राजधानी में जुटी यह भीड़ आने वाले दिनों में सरकार का भविष्य तय करेगी।