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खबर का असर/ शहर के सभी 21 सार्वजनिक शौचालय के दरवाजों की मरम्मत, टायलेट सीटें भी बदली जा रहीं

सीजी क्रांति/खैरागढ़। नगर के सभी सार्वजनिक शौचालयों में जर्जर टॉयलेट सीट्स व दरवाजों का मरम्मत कराया जा रहा है। जहां जरूरत हैं, वहां नई सीटें व गेट भी लगाए जा रहे हैं। सीजी क्रांति डॉट कॉम ने शहर के दाउ चौरा स्थित सार्वजनिक शौचालय में दरवाजा नहीं होने पर कपड़े का परदा लगाकर शौच जाने की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

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नगर पालिका सीईओ सूरज सिदार ने इस संवेदनशील मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल सभी शौचालयों में मरम्मत कराने के निर्देश जारी किए। लिहाजा शहर के सभी 21 सार्वजनिक शौचालयों का सर्वेक्षण कर वहां मरम्मत कार्य किया जा रहा है। काम लगभग अंतिम चरण में हैं।

सार्वजनिक शौचालयों में टूटे दरवाजों की मरम्मत

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बता दें कि खैरागढ़ में कुल 21 शौचालय है। जहां करीब 151 टॉयलेट सीट्स हैं। इन शौचालयों में 16 जगहों पर दरवाजा नहीं थे। जहां नया दरवाजा लगाया गया। वहीं 87 दरवाजों का मरम्मत कर उन्हें दुरूस्त किया गया है। टॉयलेट में टोटी व लाईट की व्यवस्था की गई।

पार्षद चाहते तो अपनी निधि से यह कार्य कर सकते थे, लेकिन उन्होंने दोहरी कीमत में सीमेंट की कुर्सियों में फूंक दिए पैसे

बता दें कि विभिन्न वार्डों में सार्वजनिक शौचालयों में गेट व टॉयलेट सीट्स खराब हो चुके थे। इन जगहों पर पार्षद निधि से मरम्म त कराए जा सकते थे। लेकिन कमीशन के चक्कर में पार्षदों ने सीमेंट की कुर्सियों को दोगुने दाम में खरीद कर अपनी निधि खर्च कर दिए। बता दें कि सीमेंट की कुर्सियों को करीब दो हजार रूपए अधिक दर पर खरीदी गई। पार्षदों को प्रतिवर्ष अपने वार्ड में मूलभूत सुविधाओं के लिए साढ़े लाख रूपए पार्षद निधि शासन से मिलता है लेकिन कई पार्षदों ने लाखों रूपए कुर्सियों में ही खर्च कर दिए। लापरवाही का आलम यह है कि कुर्सियों खरीदने के बाद उन्हें बेतरतीब तरीके से कहीं भी रख दिया गया, जहां उसकी उपयोगिता सार्वजनिक प्रयोजन में काम नहीं आ रही है। हैरानी की बात यह है कि नगर पालिका के पास इसकी भी जानकारी नहीं है कि पार्षद निधि से खरीदी गई कुर्सियां किन-किन जगहों पर लगाई गई है।

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