सीजी क्रांति/छुईखदान। छुईखदान के दशहरा कार्यक्रम में भाजपा नेता विक्रांत सिंह को बुलाए जाने के बाद कांग्रेस-भाजपा की सियासत गर्माने लगी है। नगर पंचायत अध्यक्ष पार्तिका संजय महोबिया की शिकायत लेकर ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रामकुमार पटेल शुक्रवार को देर शाम विधायक यशोदा नीलांबर वर्मा के पास पहुंचे थे। श्री पटेल व अन्य कार्यकर्ताओं ने शिकायत की है कि नगर पंचायत में कांग्रेस की अध्यक्ष है। प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता है। ऐसे में भाजपा नेता को मुख्यअतिथि बनाया जाना पार्टी कार्यकर्ताओं के मुंह मे तमाचा से कम नहीं है। कांग्रेस के नेता मैदान में घूम रहे थे और भाजपा नेता को मंच पर बैठाकर तिलक लगाकर आरती उतारी जा रही थी। यह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का अपमान है। यह कृत्य 15 साल सत्ता में रहकर संघर्ष करने वाले कार्यकर्ताओं के साथ गंदा मजाक है। श्री पटेल ने बताया कि इसकी शिकायत विधायक यशोदा नीलांबर वर्मा से की गई है। साथ ही उनके माध्यम से हमारी पीड़ा संगठन के बड़े नेताओं तक पहुंचाने का आग्रह भी किया है। विधायक यशोदा नीलांबर वर्मा ने कहा कि कार्यकर्ताओं ने छुईखदान के दशहरा मामले में शिकायत की है। पार्टी के बड़े नेताओं को इससे अवगत कराएंगे। इस अनुशासनहीनता के संबंध में पार्टी फैसला लेगी।
सोशल मीडिया पर निकला भड़ास
इधर कांग्रेस के कार्यक्रम में भाजपा नेता के आतिथ्य को स्वीकारने को लेकर भी तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है। नगर पंचायत की पूर्व अध्यक्ष डॉ. दीपाली जैन के पति ने सोशल मीडिया टिप्पणी की है कि ‘‘किन्होंने किसके इशारों पर पीठ में खंजर घोंपा, किसने किसका अहसान चुकाया, ये रिश्ता क्या कहलाता है, हैप्पी दशहरा‘‘
फेसबुक वॉल में इसकी प्रतिक्रिया देते हुए ‘‘भाजपा नेता लेखराम शिवहरे ने लिखा है कि पता चल गया सेठ जी, वहीं भावेश कोचर ने लिखा है कि दगा किसी का सगा नहीं, किया नहीं तो कर के देखो, जिन लोगों ने दगा किया, उन लोगों के घर देखो।‘‘
जब तक मैं हूं, गद्दारों को वापस नहीं आने दुंगा
वहीं मंडल भाजपा अध्यक्ष प्रेम नारायण चंद्राकर ने कहा कि भाजपा के पार्षदों ने पार्टी और जनता से दगा कर कांग्रेस को समर्थन किया। ऐसे लोगों का पार्टी में कोई स्थान नहीं है। हमने गद्दारों को पार्टी से बाहर करवा दिया। जब तक मैं हूं, उनकी पार्टी में वापसी नहीं होने दुंगा। विक्रांत सिंह को मुख्यअतिथि बनाया गया है इसकी जानकारी हम पार्टी कार्यकर्ताओं को भी नहीं थी।
क्षेत्र के लोकप्रिय नेता है विक्रांत सिंह
बता दें कि जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह जिन्हें कांग्रेस के दशहरा उत्सव में बुलाए जाने पर इतना बवाल हो रहा हैं। वह क्षेत्र के लोकप्रिय भाजपा नेता है। छात्र जीवन से ही उन्होंने कॉलेज चुनाव में एबीवीपी को जीत दिलाई। उसके बाद नगर पंचायत में उन्होंने कांग्रेस में तब के दिग्गज नेता कन्हैया बैस को हराकर अध्यक्ष बने। पहले कार्यकाल में बेहतर काम करने की वजह से वे दोबारा नगर पालिका के अध्यक्ष बने। जनपद पंचायत खैरागढ में निर्विरोध सदस्य फिर अध्यक्ष बने। उसके बाद भाजपा की सत्ता नहीं होने के बाद भी वे लोधी कार्ड को ध्वस्त करते हुए जिला पंचायत सदस्य बने। पार्टी ने उनके श्रेष्ठ कार्यों को देखकर उन्हें जिला पंचायत उपाध्यक्ष बनाया। वे पिछले तीन बार से खैरागढ़ विधानसभा से विधायक प्रत्याशी के लिए मजबूत दावेदार के रूप में उभरे लेकिन जातिवाद और परिवारवाद के सामने मात खा गए।