सीजी क्रांति न्यूज/रायपुर। राजनांदगांव विधानसभा सीट से फिर डॉ. रमन सिंह का नाम आगे आ रहा है। इसे लेकर राजनांदगांव में अब बाहरी प्रत्याशी को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है। राजनांदगांव की माटी में जन्मे नेताओं की पहचान पिछलग्गू के तौर पर होने लगी है! एक बार फिर भाजपा के स्थानीय नेताओं को अपनी राजनीतिक भविष्य की कुर्बानी देनी पड़ेगी ? एक बार डोगरगांव और 3 बार राजनांदगांव से डॉ. रमन सिंह विधायक निर्वाचित हो चुके हैं। मुख्यमंत्री का तमगा हटने के बाद भाजपा में ही मनमुटाव की स्थिति निर्मित हो रही है! हालांकि वह उभरकर अब तक सामने नहीं आया है।
डॉ. रमन सिंह का नाम सामने आने के बाद स्थानीय पत्रकार व समाजेसवी अजय सोनी ने अपना विचार व्यक्त किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि ‘‘ पिछले दिनों राजनांदगांव भाजपा कार्यालय में वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में एक बार फिर आगामी विधानसभा के लिए राजनांदगांव विधानसभा से भाजपा के प्रत्याशी के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के नाम पर सहमति दे दी गई! हांलाकि अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन जब सभी की सहमति से पैनल में एक ही नाम भेजा गया है! तो जाहिर सी बात है कि टिकट उन्हें ही दिया जाएगा।
डॉ. रमन सिंह पिछले 15 वर्षों से राजनांदगांव विधानसभा की सीट पर काबिज हैं और इससे पहले वो डोंगरगांव की सीट पर विधायक रह चुके हैं। दो दशक से रमन सिंह राजनांदगांव जिले में विधायक हैं। राजनांदगांव शहर में 15 वर्षों में बहुत से नेताओं ने संगठन को अपना सर्वस्व दिया और जी तोड़ मेहनत पार्टी के लिए की। सिर्फ इसलिए कि शायद भविष्य में उन्हें इसका उचित प्रतिफल मिल सके। लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव के लिए फिर से डॉ. रमन सिंह का नाम सामने आ जाने से अब उन नेताओं के अरमानों पर पानी फिर गया है जो लोग टिकट की आस लगाए बैठे थे।
अब यदि डाक्टर साहब जीतते हैं तो फिर भाजपा की एक पीढ़ी मेहनत करने के बाद समाप्त हो जायेगी ।
हांलाकि पार्टी के लोगों ने प्रेम व दबाव के वशीभूत हो कर डाक्टर रमन सिंह का नाम आगे कर दिया होगा लेकिन डाक्टर साहब को बड़ा दिल कर के और भी लोगों का नाम पैनल में शामिल करवाना था भले ही फिर पार्टी आलाकमान जो फैसला ले। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और राजनितिक लाभ के चलते कई ऐसे नेताओं को उन्होंने किनारे कर दिया जो सिर्फ दावेदारी के ज़रिये ही सही लेकिन पार्टी के ऊपरी लाइन तक अपनी मौजूदगी दर्ज करा सकते थे।
डॉ. रमन सिंह लोकप्रिय नेता है तो वे अपने गृह जिला कवर्धा या प्रदेश के किसी अन्य सीट से भी दावेदारी कर सकते हैं लेकिन डाक्टर रमन सिंह राजनांदगांव क्षेत्र को सहूलियत भरा समझते हैं। खैर एक बार फिर राजनाँदगांव विधानसभा में वर्षों से झंडा उठाने वाले दरकिनार कर दिए गए और सेफ जोन के अंतर्गत डाक्टर साहब फिर चुनाव लड़ने तैयार दिख रहे हैं ।
लेकिन सब बातों में एक बात सोचने वाली है कि भाजपा कार्यालय में सभी लोग तो मौजूद रहे लेकिन राजनांदगांव विधानसभा के प्रबल दावेदार पूर्व सांसद मधुसूदन यादव मौजूद नहीं रहे। अब देखना यह है कि टिकट किसके नाम होगी?