ग्वालियर। 8 साल की मणिकर्णिका भदौरिया, जिसे प्यार से घर में मणि बुलाते हैं। उसने और उसके भाई शार्दुल ने जो दिल दहला देने वाला नजारा रविवार-सोमवार की रात अपने घर में देखा, उस डर को इनकी आंखें जीवनभर नहीं भूल पाएंगी। बच्चे गहरी नींद में सो रहे थे, तभी उनके पिता ऋषभ की चीख और मां की रोने की आवाज सुनकर बच्चे उठ गए।
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ऋषभ और भावना की मासूम बेटी उस घटना को याद कर अभी भी सहम जाती है। जब पुलिस ने उससे बात की तो उसने पूरी घटना बताई। बोली- मम्मी-पापा लड़ते तो रोज थे, लेकिन रात को पापा बहुत चिल्ला रहे थे। भैया डर के कारण रोने लगा, पिता उस पर भी चिल्लाए तो वह और रोने लगा। पापा हाथ में बंदूक लिए थे, मम्मी को धक्का दे रहे थे। लग रहा था पापा हमें भी मार देंगे, हम पलंग पर कोने में छिप गए। पापा मम्मी को मारकर भाग गए।
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रात को भावना की हत्या करने के बाद ऋषभ भाग गया, तब भी काफी देर तक बच्चे बाहर नहीं निकले। रात्रि गश्त में झांसी रोड थाना प्रभारी संजीव नयन शर्मा को जब सूचना मिली तो वह खुद घटनास्थल पहुंचे। समय करीब 3 बजे का था, इस घटना को करीब एक घंटा बीत चुका था। बेडरूम के बाहर खून ही खेन पड़ा था। बच्चे इतने डर गए थे कि कमरे से बाहर तक नहीं निकल रहे थे। मणि अपने छोटे भाई को भी संभाल रही थी, वह बार-बार मां के पास जाने की जिद कर रहा था, लेकिन मणि को पता था अब उसकी मां इस दुनिया में नहीं रही।
8 साल की उम्र में भी वह खुद के साथ भाई को संभाल रही थी, बार-बार बोल रही थी मम्मी आ जाएंगी। रात में यह नजारा पुलिस अफसरों ने देखा तो किसी तरह से बच्चों को बाहर लेकर आए। बच्चे पड़ोसियों के यहां भिजवाए। जब लाश पोस्टमार्टम हाउस चली गई तब बच्चों को घर में लाया गया। रातभर बच्चे सोए नहीं थे, सुबह बच्चे सोए। मणि से जब पुलिस ने बात की तो उसने यह भी बताया कि उसके पिता रोज शराब पीते थे, झगड़ा करते थे। किसी से रोज फोन पर झगड़ा करते थे, इसके बाद उसकी मां से झगड़ा होता था।
बच्ची बोली- कालोनी के ही अंकल से फोन पर हुई थी पापा की लड़ाईः मणि ने ही पुलिस को बताया कि पापा की फोन पर कालोनी में ही रहने वाले अंकल से लड़ाई होती थी। वह बार-बार दोस्ती में धोखा देने की बात बोल रहे थे। जब पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए बुलाया तो सामने आया कि वह रात में उसे भी मारने की फिराक में था। ऋषभ ने उसे भी बुलाया, उसे मारने की धमकी दी, इसके बाद पत्नी की हत्या कर भाग गया। बताया गया है वह ऋषभ का ही खास दोस्त था।
अवैध पिस्टल से हत्या कर भागा: सीएसपी ऋषिकेष मीणा ने बताया कि अवैध पिस्टल से उसने गोली मारी है। उसके पास अवैध हथियार और कारतूस रखे रहते थे। इसी से उसने गोली मारी।
मेरी शाम को ही भावना से बात हुई थी। मुझे नहीं पता था, अब उससे कभी बात नहीं होगी। उसने झगड़े के बारे में भी कुछ नहीं बताया। अगर कुछ भी बताया होता तो ऐसी घटना नहीं होती। मुझे तो रात को समधी ने काल कर बताया, जब पहुंचे तो भावना मृत पड़ी थी।- महेश राजावत, मृतका के पिता
मैं अपने कमरे में सो रहा था। रात को गोली चलने की आवाज सुनकर अचानक नींद खुली। पत्नी को जगाया, फिर जैसे ही गेट खोला तो बहू खून से लथपथ पड़ी थी। बेटा गायब था। बच्चे डरे-सहमे दूसरे कमरे में रो रहे थे। समझ ही नहीं आया यह क्या हुआ। कुछ देर पहले शोर की आवाज आ रही थी, ध्यान नहीं दिया और कुछ देर बाद यह घटना हो गई।- कृष्ण कुमार सिंह भदौरिया, आराेपित के पिता