सीजी क्रांति/ खैरागढ़। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में 12 नवंबर को छत्तीसगढ़ की प्रतिष्ठित लोक सांस्कृतिक संस्था चिन्हारी की प्रस्तुति हुई। उल्लेखनीय है कि इस विश्वविद्यालय की कुलपति पद्मश्री डॉक्टर मोक्षदा (ममता) चंद्राकर चिन्हारी की मुख्य गायिका हैं। वे कुलपति बनने के बाद पहली बार विश्वविद्यालय प्रांगण में प्रस्तुति दे रहीं थीं। स्वाभाविक रूप से, विद्यार्थियों, शोधार्थियों, अधिकारी-कर्मचारियों में इस कार्यक्रम को लेकर खूब उत्साह और उत्सुकता का वातावरण था।
कुलपति डॉ. चंद्राकर के पति तथा छत्तीसगढ़ के सुविख्यात फिल्म निर्माता-निर्देशक प्रेम चंद्राकर के निर्देशन से सुसज्जित चिन्हारी की शानदार प्रस्तुति के अंतर्गत अपनी कुलपति को माइक थामकर परफॉर्मर के रूप जीवंत देखना विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को रोमांचित कर रहा था। तालियों की खूब गड़गड़ाहट के साथ प्रख्यात लोक गायिका ममता चंद्राकर ने अपने कुछ चुनिंदे गाने पेश किए। दिलचस्प यह भी रहा कि चिन्हारी परिवार के साथ विश्वविद्यालय के विद्यार्थी, शिक्षक और संगतकार भी इस मंच के सहभागी बने।
विश्वविद्यालय के छात्र लक्ष्मी साहू को पद्मश्री सम्मानित गायिका डॉ. चंद्राकर के साथ मंच पर गायन का अवसर मिला। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. डॉ. आईडी तिवारी और सभी अधिष्ठताओं के द्वारा कुलपति डॉ. ममता चंद्राकर, उनके पति निर्देशक प्रेम चंद्राकर का बतौर कलाधर्मी विशेष रूप से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रोफेसर, शिक्षकगण, अधिकारी, कर्मचारी समेत विश्वविद्यालय परिवार के सदस्य मौजूद थे।