सीजीक्रांति/खैरागढ़। सत्ता के गुरूर में भाजपा नेता व व्यवसायी नरेंद्र जैन ने गरीब आदिवासी की जमीन हड़प ली। वन विभाग में कार्यरत मोहन ध्रुवे को फिल्मों की तर्ज पर फंसाया गया। उसकी मौत के बाद परिवार पर भी दबाव बनाया गया। बायपास में पीड़ित की जमीन अधिग्रहित हुई,उससे जो करीब 22 लाख मुआवजा राशि मिला, उसे भी नरेंद्र जैन ने ले ली। यह घटना तब की है जब राज्य में भाजपा की सत्ता थी। यह शिकायत पीड़ित के पुत्र राजेश ध्रुवे ने पुलिस विभाग के डीजीपी से की है।
भाजपा की सत्ता में राजस्व विभाग में नरेंद्र जैन की तूती बोलती थी। नरेंद्र के खिलाफ जमीन से जुड़े और भी कई मामले सामने आ चुके हैं। आरोप है कि नरेंद्र जैन ने जो जमीन आदिवासी से ली है, उसी के करीब न्यू हैंडस ग्रुप की भी जमीन है। लिहाजा अपनी ग्रुप की जमीन का दायरा बढ़ाने गरीब आदिवासी को शिकार बनाया गया है। नरेंद्र जैन ने आदिवासी की जमीन गलत तरीके से लिया। हालांकि इस मामले में शिकायत हो चुकी है। शिकायतकर्ता अपने आरोपों से भविष्य में नहीं मुकरा और यदि ईमानदारी से जांच हुई तो बड़ा खुलासा हो सकता है। वहीं दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की भी संभावना है।