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फतेह मैदान में संगीत विवि छात्रों की भीड़, विवि प्रबंधन की ज्यादती से बौखलाए स्टुडेंटस, कहा-सुनी के बीच एक छात्र को चाटा भी जड़ा, और भी बहुत कुछ, पढ़ें पूरी खबर

विवि परिसर के समीप फतेह सिंह खेल मैदान में जुटे इंदिरा कला संगीत विवि के स्टुडेंटस

सीजी क्रांति/खैरागढ़। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में छेड़खानी का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है और अब कर्नाटक में यूथ फेस्टिवल से लौटते समय हुए हादसे में घायल स्टुडेंटस की उपचार व्यवस्था का मामला गरमा गया है। विवि प्रबंधन की लापरवाही को लेकर आक्रोशित सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने शनिवार शाम फतेह सिंह खेल मैदान में बैठक रखकर छात्रों की समस्यों और विवि की ज्यादातियों को लेकर चर्चा की।

छात्रों के इस चौपाल में बात उठी कि वे पैसा देकर पढ़ाई कर रहे हैं। विवि में लगातार ज्यादती की घटनाएं बढ़ रही है। शैक्षणिक व्यवस्था में अपेक्षाकृत सुधार की आवश्यकता को पूरी नहीं की जा रही है। हाल ही में ओडिसी नृत्य संकाय में छात्राओं से बेड टच व अनापेक्षित व्यवहार किए जाने के बावजूद आरोपी प्रो. सुशांत दास के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। उल्टा उन्हें बचाने की कोशिश की गई। और छात्रों पर ही प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तरीके से शिकायत न करने व शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया गया। उसके बाद अब यूथ फेस्टिवल में गए छात्रों के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद प्रबंधन ने उपचार एवं अन्य व्यवस्था उपलब्ध कराने में ढिलाई बरती गई। छात्रों की बैठक के दौरान आपसी असहमति बनने पर सीनियर छात्र द्वारा अपने जूनियर को तमाचा जड़े जाने की भी खबर है।

ऐसे ही अन्य समस्याओं को लेकर छात्रों ने आपसी रायशुमारी कर अब मुखर होने का निर्णय लिया। बैठक में छात्र नेताओं की बात सुनकर संगीत विवि के छात्र-छात्राओं ने सिविल अस्पताल पहुंच कर नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने अपने घायल साथियों को उचित उपचार करने और जिनकी स्थिति ज्यादा खराब है, उन्हे रेफर करने की मांग करने लगे।
दिलचस्प यह है कि विवि के छात्रों ने विवि परिसर में तो मौन साधे रहे लेकिन शहर के भीतर सिविल अस्पताल जैसे संवेदनशील जगह पर शनिवार देर शाम जमकर नारेबाजी कर अपनी नाराजगी जाहिर की।

सुलगते सवालः

  1. कर्नाटक की राजधानी बंगलुरू जाने के लिए दुर्ग-राजनांदगांव से सीधे ट्रेन की व्यवस्था है। इसके बावजूद करीब 38 घंटे के सफर के लिए बस की व्यवस्था क्यों गई ?
  2. किन्ही कारणों से बस की व्यवस्था की भी गई तो टोटल स्लीपर और लग्जरी बस का इंतजाम क्यों नहीं किया गया ?
  3. जितने पैसे बस के किराए में खर्च किए गए क्या उतने ही पैसों से रेल के सेकंड एसी में भी जाया जा सकता था ?
  4. बस का सस्पेंसर यानी शॉकअप खराब था, यह बात ट्रांसपोर्ट कंपनी द्वारा छिपाई गई! क्योंकि इसी के कारण महज ब्रेकर से उछलकर यह हादसा हो गया!
  5. बस कहां की और किस कंपनी की लगाई गई। इस लापरवाही के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई के प्रावधान है या नहीं ?
  6. बस के लिए लाखों रूपए खर्च किए गए। इसके लिए कब कोटेशन निकाला गया! इसकी जानकारी स्थानीय ट्रोसपोर्टरों को भी नहीं है।
  7. रेल जैसी सुलभ और सस्ती सुविधा के बावजूद भारी-भरकम खर्च कर बस व्यवस्था करने के पीछे क्या कमीशन का खेल है ?
  8. 1 मार्च को बस विजयनगरम् में दुर्घटनाग्रस्त हुई। घायल विद्यार्थियों का उपचार वहीं कहीं स्थानीय व बेहतर अस्पताल में भी कराया जा सकता था लेकिन वहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें सीधे खैरागढ़ ला लिया गया, यहां भी घंटों प्राथमिक उपचार ही किया गया।
  9. दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन को सूचना या सीधे शासन स्तर पर सूचना पहुंचाकर बच्चों को जहां का तहां राहत पहुंचाने की कोशिश क्यों नहीं की गई ?
  10. सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने बच्चों को खैरागढ़ पहुंचते ही सिविल अस्पताल में भर्ती होने की बात कही, पर घायल छात्र-छात्राओं ने अस्पताल जाने में आना-कानी की। इसके चलते दो बच्चों की हालत ज्यादा बिगड़ी और उन्हें आखिरकार रेफर करना ही पड़ा।
  11. और…. आखिरी में यह भी बड़ा सवाल उठता है कि इस हादसे के बाद इतना बवाल होने के बाद भी विवि प्रशासन की ओर से अभी तक अपना पक्ष क्यों नहीं रखा गया। इसकी वजह से विवि की छवि प्रभावित होने के साथ ही घटना की वास्तविकता को लेकर अटकलों और अफवाहों की भी स्थिति बनी हुई है।

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