सीजी क्रांति न्यूज/खैरागढ़। पूर्व विधायक देवव्रत सिंह की प्रतिमा स्थापना के लिए होने वाले भूमिपूजन कार्यक्रम में उनकी धर्मपत्नी व राजमाता विभा सिंह का नाम नहीं है। यह मामला अब राजनीतिक तूल पकड़ता जा रहा है। देवव्रत सिंह की प्रतिमा स्थापना कार्यक्रम में राजमाता विभा सिंह की उपेक्षा लोगों के बीच चर्चा का विषय है। इस मामले में कांग्रेस नेता गोलमोल जवाब दे रहे हैं। वहीं भाजपा ने इसे आड़े हाथों लिया है।
भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस देवव्रत सिंह के नाम पर शुरू से राजनीति कर रही है। देवव्रत सिंह जब जिंदा थे, तब उनकी कांग्रेस ने उनकी उपेक्षा की। उन्हें पार्टी से पीड़ित होकर जोगी कांग्रेस से चुनाव लड़ना पड़ा। उनकी मौत के बाद कांग्रेस ने देवव्रत सिंह की लोकप्रियता को भुनाने के लिए प्रतिमा लगाने की घोषणा की। अब उनकी प्रतिमा लगाई जा रही है तब देवव्रत सिंह की वैधानिक पत्नी की उपेक्षा एक महिला का अपमान है। भाजपा महिला का सम्मान करने वाली पार्टी है।
बता दें कि देवव्रत सिंह की प्रतिमा स्थापना सिविल लाइंस स्थित दुर्गा चौक में 27 सितंबर को भूमिपूजन किया जाना है। कार्यक्रम की मुख्यअतिथि विधायक यशोदा नीलांबर वर्मा है। वहीं अध्यक्षता जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष नवाज खान है। इसके लिए कांग्रेस के जनप्रतिनिधि और पदाधिकारियों को विशिष्ट अतिथि बनाया गया है।
विधायक यशोदा वर्मा ने कहा कि मैं अभी एक कार्यक्रम में हूं। आपसे इस संबंध में बाद में बात करती हूं।
इस मामले में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है। कायदे से विभा सिंह को ससम्मान आमंत्रित किया जाना चाहिए। यह निर्णय कैसे लिया गया, इस बारे में चर्चा करता हूं।
नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा ने कहा कि देवव्रत सिंह की प्रतिमा नगर पालिका की ओर से लगाई जा रही है लेकिन अतिथियों के नाम पर विधायक यशोदा वर्मा समेत शहर ब्लाक कांग्रेस कमेटी के नेताओं की सहमति से निर्णय लिया गया है। इस संबंध में ज्यादा नहीं कह सकता हूं।
शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आकाशदीप सिंह ने कहा कि आर्यव्रत सिंह को आमंत्रित किया गया है। यह निर्णय विधायक समेत पार्टी पदाधिकारियों के सहमति से निर्णय लिया गया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पं. मीहिर झा ने कहा कि मुझे पार्टी की बैठक हुई थी, उसमें मुझे सिर्फ कार्यक्रम का मंजूमन बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी। विभा सिंह को क्यों आमंत्रित नहीं किया गया है। इस बारे में मैं कुछ कहने का हकदार नहीं हं। यह नगर पालिका का कार्यक्रम है, अतिथि तय करने का काम उनका है। और यह निर्णय पार्टी नेताओं की मौजूदगी में हुई है। मेरा व्यक्तिगत विचार पूछें तो देवव्रत सिंह की पत्नी होने के नाते उन्हें बिल्कुल ससम्मान बुलाना चाहिए।
जिला भाजपा अध्यक्ष घम्मन साहू ने कहा कि कांग्रेस देवव्रत सिंह की मौत के बाद उसके नाम पर सिर्फ राजनीति करती आ रही है। देवव्रत सिंह की पत्नी होने के नाते विभा सिंह को निश्चित तौर आमंत्रित किया जाना चाहिए। विभा सिंह राजमाता होने से पहले देवव्रत सिंह की पत्नी है। और उससे पहले महिला है। कांग्रेस को महिला का आदर करना चाहिए। कानून की बात करें या हिंदू रिती-नीति का पत्नी अर्द्धागिनी होती है, इसलिए पति का सम्मान में पत्नी का पूरा हक है।