सीजी क्रांति/ दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग के चर्चित रावलमल जैन हत्याकांड में दुर्ग न्यायालय के न्यायाधीश शैलेष तिवारी की अदालत ने रावलमल व उनकी पत्नी की हत्या के मुख्य आरोपी उनके बेटे संदीप जैन को दोषी करार देते हुए उसे फांसी की सजा सुनाई है। सजा सुनते ही कोर्ट में संदीप जैन बेहोश होकर गिर गया। इसके बाद उसका उपचार कराया गया और फिर शाम को उसे फांसी की सजा सुनाई गई। इस मामले में हथियार सप्लाई करने वाले आरोपी शैलेंद्र सिंह सागर और भगत सिंह गुरुदत्ता को भी 5-5 साल की सजा सुनाई गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जनवरी 2018 को दुर्ग के नगपुरा में जाने-माने पार्श्व तीर्थ मंदिर के मुख्य ट्रस्टी और उनकी पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना को उसके ही पुत्र संदीप जैन ने अपने दो सहयोगियों की मदद से अंजाम दिया था। पुलिस ने जांच में पाया था कि रावलमल का शव खून से लतपथ जमीन पर और उनकी पत्नी सुर्जे बाई का शव चारपाई में पड़ा है। रावलमल को 2 गोलियां मारी गईं थी और सुर्जे बाई को 3 गोलियां लगी थीं। घर के पीछे गलियारे में एक सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल और प्लास्टिक पाउच में 24 गोलियां मिली थीं।
घटना के समय वहां रावलमल और सुर्जे बाई के अलावा संदीप जैन ही था। संदीप पुलिस को बेडरूम में सोते हुए मिला। उसने पुलिस को बताया कि उसे कुछ नहीं पता। इससे पुलिस को संदीप शक हुआ। सख्ती से पूछताछ में संदीप ने जुर्म कबूल किया। इस तरह पुलिस ने हत्या के 12 घंटे के भीतर मामले का खुलासा करते हुए मृतक दंपती के 42 वर्षीय बेटे संदीप जैन को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा।
तत्कालीन आईजी दिपांशु काबरा ने खुलासे में बताया था कि संदीप जैन पेशे से एक कवि और फिटनेस ट्रेनर था। माता—पिता को उनका कवि सम्मेलन के नाम पर पैसे खर्च करना पंसद नहीं था। इस बात को लेकर उनके बीच विवाद होता था। घटना के दिन इसी विषय को लेकर उनके बीच कहा—सुनी हुई थी। जिसके बाद आरोपी ने अपने ही माता—पिता की गोली मारकर हत्या कर दी।