सीजी क्रांति/रायपुर। छत्तीसगढ़ में 7 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में जोगी कांग्रेस भाग नहीं लेगी! पार्टी सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पत्नी व पार्टी की एकमात्र विधायक रेणु जोगी का स्वास्थ्य खराब है। पार्टी की बागडोर संभाल रहे रेणु जोगी के पुत्र अमित जोगी ने सोशल मीडिया में कुछ ऐसा ही संकेत दिया है।
सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए अमित जोगी ने लिखा कि लोग पूछते हैं, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को मात्र 7 माह बचे हैं, जनता कांग्रेस कुछ नहीं कर रही। राजनीति जीवन से कभी बड़ी नहीं हो सकती। मेरे पापा स्वर्गीय अजीत जोगी को खोने के बाद, मेरे लिए मेरी मां का स्वास्थ्य सत्ता से कहीं ज्यादा सर्वाेपरि है। जब तक वह पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो जाती मैं उनके साथ साए की तरह रहूंगा। मेरा दुर्भाग्य है कि पापा के आखिरी क्षणों में मैं उनके साथ नहीं रह पाया। इस गलती को मैं मम्मी के साथ नहीं दोहरा सकता इसलिए मेरा प्रथम उद्देश्य मां का स्वस्थ होना है। बाकी राजनीति करने के लिए उम्र पड़ी है।
अजीत जोगी की मौत के बाद बिखरती गई पार्टी
जनता कांग्रेस के संस्थापक पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की मौत के बाद पार्टी लगातार बिखरती गई। जोगी कांग्रेस से विधायक रहे स्व. देवव्रत सिंह ने पार्टी से पहले किनारा करना शुरू किया। उनके साथ पार्टी के ही दूसरे विधायक प्रमोद शर्मा भी शामिल हो गए। अब लोरमी से वरिष्ठ विधायक धरमजीत सिंह ने पार्टी छोड़ दी। अजीत जोगी की मौत के बाद मरवाही से जोगी कांग्रेस बाहर हो गई। अब एकमात्र जोगी कांग्रेस की विधायक रेणु जोगी बची है। जिनका स्वास्थ्य खराब चल रहा है।
जैसे कि लोगों को अहसास था कि अजीत जोगी के बाद पार्टी की कमान अमित जोगी अपनी तुलना में उतनी कुशलता से नहीं संभाल पाएंगे! यह सच साबित होने लगा है। साल भर पहले खैरागढ़ विधानसभा सीट जहां से देवव्रत सिंह ने जीत दर्ज की थी। वहां जोगी कांग्रेस मैदान में उतरी लेकिन वहां पार्टी निर्दलीय उम्मीदवारों से भी मुकाबला नहीं कर सकी। लिहाजा क्षेत्र में देवव्रत सिंह के बाद पार्टी का अस्तित्व ही समाप्त हो गया।
इधर अमित जोगी और उनकी पत्नी जाति विवाद के भंवर में फंसे हुए है। अमित जोगी और उनकी पत्नी ऋचा जोगी दोनों की जाति के दावों को प्रशासन निरस्त कर चुका है। अमित जोगी ने खुद को कंवर जाति का बताया था इसे निरस्त किया जा चुका है अमित जोगी की पत्नी के खिलाफ तो गोंड जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने का केस दर्ज है।
यही वजह रही कि पिछले बार मरवाही उपचुनाव में जोगी परिवार बाहर हो गया। मरवाही जोगी परिवार की सबसे सुरक्षित सीट थी। छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी यहां से चुनकर आते थे। उनके निधन के बाद जब उपचुनाव हुए तो जाती फर्जी बताकर प्रशासन ने इस सीट से अमित जोगी और ऋचा जोगी का नामांकन तक निरस्त कर दिया। छत्तीसगढ़ के इतिहास में मरवाही सीट से पहली बार जोगी परिवार इस कदर बाहर कर दिया गया था इसके बाद से ही कयास लगाए जाने लगे थे। अब जोगी परिवार का सियासी सफर मुश्किलों में है।