खैरागढ़. नगर के गौ सेवकों ने खैरागढ़ टीआई पर गौ तस्करी के आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है. बीते 10 मई की अलसुबह ट्रक क्रमांक एमपी 66 एच 0895 में भरकर गोवंशों के अवैध परिवहन की पुख्ता सूचना मिलने के बाद गौ सेवकों ने नाकेबंदी कर ट्रक को रोकने का प्रयास किया. इस दौरान गौ सेवकों से बचने के प्रयास में तेज रफ्तार ट्रक सड़क किनारे एक घर में घुस गया था. जिसके बाद गौ सेवकों ने गौ तस्करी कर रहे आरोपियों को पकड़कर मौके पर उपस्थित खैरागढ़ पुलिस के हवाले कर दिया था. पुलिस ने गोवंशों की तस्करी के मामले में आईपीसी की धारा 279, 337, 34, 427, 429, 10, 11, एवं छग कृषक पशु परिरक्षक अधिनियम 2004 की धारा 10, 11 के तहत् मामला पंजीबद्ध किया था.
पुलिस की इस कार्रवाई से असंतुष्ट विश्व हिन्दू परिषद्, बजरंग दल और श्रीराम गौ सेवा समिति के सदस्य हरजीत सिंह, शुभम यादव, मनोज चंदेल, हर्ष मिश्रा, कैलाष तिवारी, अजय सिंह ठाकुर, अभिषेक सिंह, प्रिंस कसेर, अनिल दौलतानी, ओमश बिसेन, चंद्रकांत विदानी, महेन्द्र परिहार, महेन्द्र राजपूत, मारूति शास्त्री, अवधेश यादव, शिवम ताम्रकार, अमन पटवा, गुलशन भगत, करण यादव, सागर यादव, तरूण अहिर, किशन ढीमर सहित गौ-सेवकों ने सोमवार को खैरागढ़ टीआई पर गौ-तस्करी के आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं करने, उन्हें बचाने और गौ सेवको को डराने-धमकाने का आरोप लगाते हुये राज्यपाल के नाम से एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. इसकी जानकारी गृहमंत्री, विधायक और कलेक्टर को भी दी गई है.
पढ़े आखिर गौ-सेवकों ने क्या लिखा है ज्ञापन में ?
(1) उनके द्वारा पूर्व में ही गौ तस्करी की सूचना थाने में दी गई थी, सूचना के आधार पर उन्होंने बेरिकेट लगाकर ट्रक को रोकने का प्रयास किया, लेकिन थाना प्रभारी द्वारा एफआईआर में बुलेरो वाहन द्वारा ओव्हरटेक करने का कारण बताया है.
(2) ट्रक में हथियार के साथ पांच लोग सवार थे, उन्होंने गौ-सेवकों पर हमले का भी प्रयास किया लेकिन मामला एक ही व्यक्ति खिलाफ पंजीबद्ध किया गया है.
(3) अभियुक्तों की स्वीकृति के बाद भी कत्लखाने ले जा रहे मवेशियों को खैरागढ़ थाना प्रभारी के द्वारा कृषि कार्य हेतु परिवहन बताया गया है.
(4) इससे पहले भी गौ-सेवकों द्वारा जब गोवंशों को बचाया गया था, तब भी थाना प्रभारी द्वारा गौ-सेवकों को डरा-धमका कर कार्यवाही करने का प्रयास किया गया.
(5) तस्करी के लिये ट्रक का उपयोग किया गया और जो आरोपी गिरफ्तार हुए है उनके खिलाफ छग पशु परिवहन अधिनियम 1978 – 54 (1) (2) (3), 47 ए, 47 सी, 48, 52, मोटर व्हीकल एक्ट 67/192, छग कृषक पशु परिवहन अधिनियम 2 (एफ), 4 एवं 6 धाराएं भी लगनी थी, जिसे थाना प्रभारी ने नहीं लगाया है.