खैरागढ़ में रहा पालीटिकल डिप्लोमेसी, धर्मयात्रा के 67 वे पड़ाव में छुईखदान में उमड़ी भीड़, 1100 भक्तों ने किया सुंदरकांड का पाठ, मुस्लिम भी हुए शामिल

सीजी क्रांति/खैरागढ़। मंदिरों को शक्ति केंद्र के रूप में स्थापित करने और हिंदुओं को वापस मंदिर और धर्म ग्रंथों की ओर ले जाने के उद्देश्य से शुरू हुई धर्म यात्रा भले ही खैरागढ़ में पालीटिकल डिप्लोमेसी से प्रभावित हुई हो लेकिन छुईखदान में धर्म यात्रा को अच्छा प्रतिसाद मिला। धर्मयात्रा के 67 वे पड़ाव में बीते मंगलवार को छुईखदान में 1100 हनुमान भक्तों ने सुंदरकांड का पाठ किया। इसके पहले के पड़ावों में भी छुईखदान में धर्मयात्रा के आयोजन में सैकड़ों लोगों की भागीदारी रही। इनमें विभिन्न राजनीतिक दलों के लोग भी श्रद्धाभाव से शामिल हुए। बताया जाता है कि सुंदरकांड के पाठ से कई लोगों के जीवन में अदभूत बदलाव आया है।
ये खैरागढ़ का दुर्भाग्य ही है कि यहां धर्मयात्रा में शामिल होने धार्मिक भाव से अधिक राजनीतिक दुराग्रह ने रोड़ा डाला।
दरअसल धर्मयात्रा के संयोजक भागवत शरण सिंह भाजपा के सक्रिय नेता रहे हैं। वरिष्ठ नेताओं के कोपभाजन होने के बाद से वे हाशिए पर है। लिहाजा इस धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अधिकांश लोगों ने इसलिए भी परहेज किया कि कहीं वरिष्ठों की नाराजगी न झेलनी पड़े। वहीं दूसरी ओर कार्यक्रम के संयोजक भागवत शरण सिंह चूंकि हिंदूवादी और भाजपा विचारधारा के है, यह सोचकर कांग्रेस के लोग भी शामिल होने में कतराते दिखे। हालांकि आम लोगों ने अपनी सहभागिता निभाई।
जबकि इसके उलट छुईखदान में धर्मयात्रा के दौरान सुंदरकांड, हनुमान चालीसा और भजन कीर्तन के धार्मिक आयोजन में कांग्रेस-भाजपा ही नहीं बल्कि आम लोगों ने भी अपनी शानदान मौजूदगी दर्ज कराई। धर्मयात्रा के जरिए छुईखदान और आसपास के जंगल क्षेत्रों में हो रहे धर्मांतरण जैसे अभियानों को बैकफूट पर आना पड़ा। वहीं सनातम धर्म व हिंदूत्व से भी लोगों को जुड़ाव मजबूत हुआ।

कुंवर देवराज किशोर की भागीदारी और श्री जगन्नाथ सेवा समिति के संयोजन में छुईखदान भक्ति से सराबोर
छुईखदान राजपरिवार के कुंवर देवराज किशोर दास वैष्णव की भागीदारी के साथ श्री जगन्नाथ सेवा समिति के संयोजन में आयोजित उक्त पड़ाव में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं। लयबद्ध तरीके से वाद्य यंत्रों की थाप के साथ सभी ने एक साथ सुंदरकांड व हनुमान चालीसा का पाठ किया।
इस अवसर पर पूर्व विधायक गिरवर जंघेल, शिव श्रीवास्तव, शिवेन्द्र किशोर दास,रमेश दाउजी, अरविंद शर्मा, कामदेव जंघेल, पार्तिका संजय महोबिया, योगेन्द्र सोनी, डॉ मनीष बघेल, विनय रामटेके, गुलशन तिवारी, विकास आर्या सज्जाक खान, इसराइल सोलंकी, पार्षद गण पत्रकार साथी सहित अन्य शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन शरद श्रीवास्तव ने किया।

चंदवानी को किया गया सम्मानित
कार्यक्रम में खैरागढ़ के समाजसेवी राजेश चंदवानी, धर्मयात्री उत्तम दशरिया को सम्मानित किया गया। राजेश चंदवानी धर्म व सेवा के कार्यों में निरंतर सक्रिय हैं। इस पड़ाव के बाद धर्मयात्रा एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों का रूख करेगी। और 68 वें पड़ाव से विभिन्न ग्रामों में सुंदरकांड व हनुमान चालीसा का पाठ आयोजित किया जाएगा। 

नौनिहालों और युवाओं को मंदिरों की ओर लाना लक्ष्य
धर्मयात्रा के 67 वें पड़ाव में विचार रखते हुए धर्मयात्रा प्रमुख भागवत शरण सिंह ने कहा कि धर्मयात्रा का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य मंदिरों को शक्ति केंद्र के रूप में स्थापित करना है। परीक्षाओं के बाद हमें नौनिहालों और युवाओं को मंदिरों की ओर लेकर आने का लक्ष्य रखना है। उन्हें मंदिरों के पुनरुद्धार के प्रयासों में जोड़ना है। आगामी हिंदू नववर्ष से युवाओं को अधिक से अधिक संख्या में टोलियों में बांटकर मंदिरों के पुनरुद्धार की दिशा में हम सभी को आगे बढ़ने का प्रयास करना है। 

भजनों ने किया उत्साहित 
सैकड़ों की संख्या में परिसर में मौजूद हनुमान भक्तों को गायिका विधा सिंह के भजनों ने झूमने पर मजबूर कर दिया। जिसमें उनका साथ राम भावसार,चंचल तिवारी,कुसुम चंद्राकर सहित अन्य ने दिया।

हनुमान जी में अर्पित किया गया 56 भोग गौ सेवा समिति ने परोसी महाप्रसादी
कुंवर देवराज किशोर दास के माध्यम से हनुमान जी को अर्पित 56 भोग एवं महाप्रसादी का वितरण श्री राम गौ सेवा समिति, छुईखदान के युवा सदस्यों ने मौजूद हनुमान भक्तों के मध्य किया। कुंवर देवराज किशोर दास ने श्री रुक्खड़ स्वामी मंदिर निर्माण के लिए 5100 व खुशबू चंद्राकर ने 430 रुपए प्रदान किए।

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