सीजी क्रांति/खैरागढ़। शहरी सत्ता का फैसला दिलचस्प हो गया है। अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा जमाने के लिए क्रॉस वोटिंग जरूरी है। चाहे कांग्रेस हो या भाजपा। यानि एक क्रॉस वोट अध्यक्ष की कुर्सी दिला सकती है। इसके अलावा दूसरा ऑप्शन लॉटरी भी है। गुप्त मतदान में दोनों दल को बराबर वोट मिलेंगे, तो अध्यक्ष का फैसला लॉटरी सिस्टम से किया जाएगा। क्योंकि कांग्रेस-भाजपा के पास 10-10 सीटें है। यहीं वजह है कि दोनों को क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है।
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क्रॉस वोटिंग और खेल खत्म
अगर कांग्रेस-भाजपा में से किसी एक पार्टी की ओर से क्रॉस वोटिंग हुआ, तो सामने वाली पार्टी की नैया पार हो सकती है। क्योंकि दोनों ही पार्टियों को एक वोट की जरूरत है। ऐसे दोनों ही पार्टियां एक-दूसरे की कड़ी तोड़ने की जुगत में लगे हुए है।
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लॉटरी से तय होगा अध्यक्ष?
गुप्त मतदान में दोनों पार्टी को बराबर वोट मिला, तो लॉटरी सिस्टम से अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के नाम से लॉटरी निकाली जाएगी। लॉटरी से जिनका नाम निकलकर सामने आएगा। उनकी चांदी ही चांदी हो जाएगी।