सीजी क्रांति/खैरागढ़। खैरागढ़ के धरमपुरा स्थित सरकारी मदिरा दुकान से कोचियों को शराब सप्लाई किया जा रहा है! 10 मार्च को इस मामले में पुलिस ने आरोपी को रंगेहाथों पकड़ा है। सरकारी शराब दुकान से शराब को ग्राम दल्ली भेजा जा रहा था। इसी बीच सोनेसरार स्थित चोपड़ा पेट्रोल पंप के आगे पुलिस ने ट्रक को पकड़ लिया। जिसमें से 384 देसी पौवा देशी प्लेन शराब जब्त किया गया। इस मामले में पुलिस ने ट्रक ड्राईवर के खिलाफ 34/2 आबकारी एक्ट के तहत जुर्म कर गिरफ्तार किया है। लेकिन मामले की जांच में शराब दुकान के सुपरवाईजर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। इसकी वजह से पुलिस जांच पर सवाल उठ रहे हैं।
क्षेत्र में हो रहे शराब तस्करी में सरकारी मदिरा दुकान के कर्मचारी की संलिप्तता और आबकारी विभाग की लापरवाही और संरक्षण दिए जाने की भी चर्चा है।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार 10 मार्च को देर शाम पुलिस ने राजनांदगांव रोड स्थित चोपड़ा पेट्रोल पंप के आगे पुलिस ने नाकेबंदी कर ट्रक क्रमांक सीजी 07-एए 7466 को रोककर तलाशी ली। उसमें 8 पेटी में 384 देसी पौवा शराब बरामद किया गया। वाहन चालक राजनांदगांव बसंतपुर उसरीबोड़ निवासी डीलेश कुमार साहू को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। डीलेश ने बताया कि वह खैरागढ़ के शराब दुकान में शराब अनलोड कर आ रहा है। उसे सरकारी शराब दुकान के सुपरवाईजर हेमंत वर्मा ने 8 पेटी शराब और मोबाइल नंबर 91111.19901 दिया जिससे संपर्क कर वह शराब को किसी प्रवीण राजपूत के पास ग्राम दल्ली में छोड़ने की बात कही। यह जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने हेमंत वर्मा को शराब दुकान से उठा लिया और उससे भी पूछताछ की, तो पता चला कि हेमंत वर्मा के मोबाईल में 8 पेटी शराब का पेमेंट भी हुआ है ? अब यहां पर ड्राईवर डीलेश के साथ ही शराब दुकान के सुपरवाईजर हेमंत वर्मा के खिलाफ भी प्रकरण कायम होना चाहिए था? लेकिन पुलिस ने फौरी तौर पर ड्राईवर डीलेश के खिलाफ आबकारी एक्ट की धारा के तहत जुर्म दर्ज किया है।
इस पूरे मामले में खैरागढ़ थाना प्रभारी राजेश देवदास ने सीजी क्रांति से कहा कि शराब तस्करी कर रहे ट्रक चालक के खिलाफ जुर्म दर्ज कर लिया गया है। 8 पेटी शराब और ट्रक भी जब्त किया गया है। लेकिन जिस शराब दुकान से देशी पौवा को ग्राम दल्ली के प्रवीण राजपूत तक छोड़ने का आदेश देने वाला शराब दुकान का सुपरवाईजर हेमंत वर्मा के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई या आगे क्या कार्रवाई होगी इसे लेकर उनसे स्पष्ट जवाब नहीं मिल पाया।