सीजी क्रांति न्यूज/खैरागढ़। खेती कार्यों में उपयोग आने वाले खाद, डीएपी की कालाबाजारी आम है। लेकिन सरकारी संस्थानों में किसानों के लिए रखी गई डीएपी को लेकर खैरागढ़ में बड़ा मामला पहली बार सामने आया है। जिला मुख्यालय से लगे ग्राम ढीमरिन कुआं में सरकारी खाद के कालाबाजारी की शिकायत पर देर रात जमकर हंगामा हुआ। समिति प्रबंधक पर कालाबाज़ारी का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने एक निजी कृषि प्रतिष्ठान को घेर लिया। और समिति प्रबंधक पर कार्यवाही की मांग करने लगे। जिसके बाद मौके पर पहुंचें एसडीएम प्रकाश राजपूत व कृषि विभाग के अधिकारियों ने दुकान सील करवाया। जानकारी अनुसार सेवा सहकारी समिति अमलीडीह कला में किसानों के लिए 700 बोरी खाद मंगाया गया था। लेकिन समिति प्रबंधक बृजलाल वर्मा ने केवल 250 बोरी खाद समिति में डंप कराया। शेष बचे 450 बोरी खाद जंघेल कृषि केंद्र में डंप करा दिया। उक्त प्रतिष्ठान कांचरी निवासी रोशन जंघेल का है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जंघेल कृषि केंद्र के सामने उनका 5 गोदाम मौजूद है जहां 450 बोरी खाद को बेचने के लिए डंप कराया गया है। 4 गोदामों में कृषि केंद्र संचालक रोशन ताला लगा कर वहां से निकल गया था। लेकिन एक गोदाम में ताला लगाना भूल गया था और शाम 5 बजे किसानों की नजर सरकारी खाद में गई जिसके बाद वहां हंगामा शुरू हो गया। कुछ देर बाद किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारियों सहित एसडीएम व पुलिस वालों को भी इसकी जानकारी दी जिसके बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे।
मिल रहा प्रति एकड़ 1 बोरी खाद
ग्रामीणों ने बताया कि समिति प्रबंधक बृजलाल वर्मा प्रति एकड़ 1 बोरी खाद आने का हवाला देकर किसानों को केवल एक-एक बोरी खाद दे रहा है। ग्रामीणों द्वारा इसका विरोध करने पर समिति प्रबंधक का कहना था कि शासन से केवल इतना ही खाद मिला है इस कारण सभी को एक-एक बोरी दिया जा रहा है।
अधिक कीमत पर खाद खरीदने मजबूर
ग्राम टेकापार निवासी किसान संतु राम वर्मा का कहना है कि उसके पास सवा 4 एकड़ जमीन है और संतु को 3 साल में केवल 3 बोरी डीएपी ही समिति प्रबंधक ने दिय्या है। इस वर्ष उसे एक भी बोरी खाद अभी तक नहीं मिला है। समिति प्रबंधक की इस मनमानी से किसान परेशान हो गए हैं और मजबूरीवश अधिक कीमत में कृषि केंद्रों से खाद खरीदने मजबूर है।