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केसीजी : 45 लाख रूपए आए कहां से, पुलिस बता रही खेत बेचकर, तो सवाल यह उठता है कि वह जमीन कहां की बेची गई, कितने में बेची गई, आयकर विभाग से जुड़ी ऐसी बातें बनेंगी जांच का हिस्सा ?

file photo

सीजी क्रांति/खैरागढ़। खैरागढ़ में हुए करीब 45 लाख की ठगी मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पर इस बात का खुलासा नहीं हुआ कि पीड़ित जियाउल हक अशरफी के पास इतनी बड़ी रकम कहां से आई। हालांकि यह आयकर विभाग के जांच का विषय है। प्रारंभिक तौर पर पुलिस का कहना है कि उसने अपनी भूमि बेच कर यह पैसा रखा था।

लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर पीड़ित जियाउल हक अशरफी ने कहां की जमीन बेची। कितनी जमीन, कितने में बेची। बेची गई जमीन के एवज में मिले पैसों का ब्यौरा क्या है। यदि उन्होंने जमीन बेची है। तो क्या वह शहरी क्षेत्र की है या ग्रामीण कृषि भूमि है। ये सवालात इसलिए भी है कि क्योंकि यह बेची गई भूमि नगरीय सीमा क्षेत्र से 8 किमी के भीतर की होंगी तो उसमें कैपिटन गेन देना होगा, यानी आयकर विभाग को आय का करीब 20 फीसदी राशि जमा करनी होगी? और बेची गई जमीन ग्रामीण कृषि भूमि होगी तो उसमें कैपिटल गेन नहीं लगेगा! यदि इस बीच जमीन बेचने के बाद पुनः अन्य जगह पर जमीन खरीदी गई आयकर शुल्क से बचा जा सकता है। आयकर विभाग से इस तरह के सामान्य सवालों के जवाब अभी बाकी है। ऐसे ही कई सुलगते सवालों का जवाब स्पष्ट नहीं हुआ है। जिसका होना कई मायनों में अहम हैं।

कैपिटल एसेट की बिक्री से होने वाले लाभ को कैपिटल गेन या पूंजीगत लाभ कहा जाता है। कैपिटल एसेट घर, ज़मीन, स्टॉक, म्युचुअल फंड आदि जैसे निवेश हैं। इसमें लाभ को आय माना जाता है, तथा इसलिए उसी वर्ष उस विशेष राशि पर टैक्स देना होता है, जिस वर्ष जमीन बेचा गया है। आयकर के जानकारों के अनुसार विरासत में मिली प्रॉपर्टी पर कैपिटल गेन लागू नहीं होता है क्योंकि इसमें केवल स्वामित्व का ट्रांसफर होता है और बिक्री नहीं होती है। आयकर विभाग ने उन प्रॉपर्टीज़ पर छूट दी है जो गिफ्ट में या विरासत में मिली हैं। हालांकि, अगर कोई व्यक्ति विरासत में मिली प्रॉपर्टी को बेचता है, तो ऐसे मामले में कैपिटल गेन टैक्स लागू होगा।

पुलिस का क्या है पक्ष
जिला केसीजी पुलिस ने अपने हिस्से की पड़ताल कर आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में जेल भेज चुकी है। कोर्ट में चालान शीट पेश करते तक और भी कई अहत तथ्य सामने आ जाएंगे। इस पूरे मामले में पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है कि पीड़ित की शिकायत पर जांच हुई और आरोपियों को पकडा भी गया। अब पीड़ित को संदिग्ध मानकर उसी की जांच करने पर पुलिस की छवि प्रभावित होगी। इसलिए पहले ठगी के मामले में पीड़ित को न्याय दिलाना पहली प्राथमिकता है। उसके बाद जांच आगे बढ़ेगी, मुख्य जांच बिंदुओं के बाद पूरक जांच बिंदुओं पर भी काम होगा।

अभी इस बारे में कुछ नहीं बता सकता- थाना प्रभारी
खैरागढ़ थाना प्रभारी व डीएसपी राजेश कुमार साहू ने कहा कि इस मामले में अभी जांच जारी है। अभी ज्यादा नहीं बता सकता। पुलिस अपने हिस्से की जांच कर रही है।

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