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किसानों के मुद्दे पर पदयात्रा पर निकले खम्मन ताम्रकार, भाजपा के बड़े नेताओं ने किया किनारा, गुटबाजी सतह पर

सीजी क्रांति/छुईखदान-गंडई़। दनिया से छुईखदान सड़क निर्माण में प्रभावित किसानों और आम लोगों के मुआवजा की मांग को लेकर भाजपा किसान मोर्चा के जिला महामंत्री खम्मन ताम्रकार ने मंगलवार को अधिकार पदयात्रा निकाला। जनहित के मुद्दे पर निकाले गए पदयात्रा में खम्मन ताम्रकार से वरिष्ठ नेताओं ने किनारा कर लिया। खम्मन ताम्रकार के अधिकार यात्रा में सांसद प्रतिनिधि भागवत शरण सिंह, सुधीर गोलछा, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष गिरीराज किशोर, अरविंद शर्मा, राकेश गुप्ता, राजकुमार जंघेल, अनूज साहू ,खैरागढ़ भाजयुमो के उपाध्यक्ष हषवर्धन वर्मा समेत अन्य पार्टी कार्यकर्ता शामिल हुए। करीब 20 किमी की पदयात्रा के बाद एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर प्रभावितों को वाजिब मुआवजा की मांग की गई।
खम्मन ताम्रकार ने बताया कि दनिया-उदयपुर-छुईखदान मार्ग का चौड़ीकरण कार्य, एडीबी परियोजना के तहत किया जा रहा है। इस प्रोेजेक्ट में आने वाले मकान, बाउन्ड्रीवाल कृषि भूमि पट्टाभूमि (भू-अधिकार पत्र ) का अधिग्रहण सरकार ने किया है। जिसका पूर्ण मुआवजा अब तक प्राप्त नही हुआ है, जिनको मुआवजा राशि प्राप्त हुआ भी है। उसके रकबा में भी हेर-फेर कर मुआवजा राशि बनाया गया है।

खैरागढ़ से विक्रांत विरोधी खेमा हुआ शामिल
दनिया से छुईखदान तक निकाले गए पदयात्रा में खैरागढ़ से भाजपा मंडल के पूर्व महामंत्री व सांसद प्रतिनिधि भागवत शरण सिंह और सांसद प्रतिनिधि राकेश गुप्ता अपने समर्थकों के साथ शमिल हुए। बता दें कि एक समय ऐसा था जब भागवत शरण सिंह विक्रांत सिंह के काफी करीबी थे। भाजपा महामंत्री के पद पर रहने के दौरान भागवत शरण की तूती बोलती थी। संगठन में काम करके उन्होंने अपनी एक अलग पहचान भी बनाई। लेकिन कुछ सालों से भागवत शरण सिंह की विक्रांत सिंह से दूरियां बढ़ गई। मौजूदा हालात ऐसा है कि भागवत शरण सांसद संतोष पांडेय गुट का बड़ा चेहरा हो चुके हैं। हालांकि स्थानीय पार्टी संगठन में वे हाशिए पर है। लेकिन विभिन्न सामाजिक और धार्मिक आयोजन कर वे पार्टी लाईन में बने हुए हैं।

कोमल जंघेल- विक्रांत सिंह के बगैर खम्मन ने निकाली पदयात्रा
भाजपा नेता खम्मन ताम्रकार इससे पहले भी कई आंदोलन खड़ा कर चुके हैं। विपक्ष में रहकर क्षेत्र में यह पहली बड़ी पदयात्रा है, जिसमें जनहित के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की गई है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस यात्रा में पूर्व विधायक कोमल जंघेल और जिला पंचायत उपाध्यक्ष और कद्दावर नेता विक्रांत सिंह नजर नहीं आए। जो चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल चर्चा की वजह इसलिए है क्योंकि कोमल और विक्रांत दोनों ही विधायक के दावेदार है। पिछले दो चुनावों में खम्मन ताम्रकार भी विधायक टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। लिहाजा खम्मन जनहित के मुद्दों को लेकर धरना, प्रदर्शन और आंदोलन के जरिए लोगों के बीच पहुंच रहे हैं। वे लगातार सरकार के खिलाफ प्रमुख विपक्षी की भूमिका निभाकर सरकार को घेर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कोमल और विक्रांत पारिवारीक और सामाजिक कार्यक्रमों के जरिए जनसंपर्क में जुटे हुए है। चूंकि विक्रांत सिंह जिला पंचायत उपाध्यक्ष है, इसलिए वे आम लोगों और कार्यकर्ताओं की समस्याओं का समाधान कर लोगों के दिल में अपनी जगह बनाने में सफल हो रहे है!

बडा सवाल यह भी ….
अधिकार पदयात्रा को लेकर खम्मन ताम्रकार ने वरिष्ठ नेताओं व पार्टी संगठन से रायशुमारी की थी ? यदि की थी! तो वरिष्ठ नेताओं ने जनहित के इस मुद्दे से दुरियां क्यों बनाई ? दूसरी बात- यदि खम्मन ताम्रकार ने खुद और अपने साथियों के साथ पदयात्रा का संयोजन किया है तो….पार्टी संगठन और वरिष्ठ नेता अब तक जनहित के इस बड़े मुद्दे पर आंदोलन खड़ा करने से कैसे चूक गए ?

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