सीजी क्रांति न्यूज/रायपुर। अंबिकापुर संभाग के सामरी सीट से कांग्रेस विधायक चिंतामणि महाराज ने मंगलवार को भाजपा प्रवेश कर लिया। इस सीट से चिंतमणि की जगह पर कांग्रेस विजय पैकरा को प्रत्याशी बनाया है। इससे नाराज चिंतमणि ने कांग्रेस से बगावत कर दिया।
इसके बाद वे भाजपा के संपर्क में थे। पिछले दिनों भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल के साथ उनकी बैठक भी हुई थी। जिसके बाद से उनके भाजपा प्रवेश की चर्चा शुरू हो गई थी। चिंतामणि महाराज अपने समर्थकों के साथ अंबिकापुर के राजमोहनी भवन में फिर से भाजपा की सदस्यता ली।
बताया जा रहा है कि चिंतामणि महाराज को सांसद टिकट देने का आश्वासन भी दिया गया है। चंतामणि महाराज पूज्य संत गहिरा गुरू के बेटे हैं। संत समाज के अनुयायी पूरे सरगुजा संभाग और रायगढ़ जिले में भी हैं। हालांकि उनके ज्यादा अनुयायी अंबिकापुर, लुंड्रा, सामरी, जशपुर, कुनकुरी और पत्थलगांव विधानसभा क्षेत्रों में हैं। उनके भाजपा प्रवेश का असर इन 6 विधानसभाओं में देखने का मिल सकता है।
11 साल पहले भाजपा से बागी होकर कांग्रेस में आए, अब फिर बगावत कर भाजपा में वापसी
बता दें कि चिंतामणि महाराज करीब 11 साल पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। 2013 में उन्हें कांग्रेस ने लुंड्रा से टिकट दिया था और वे विधायक बने। फिर 2018 में चिंतामणि महाराज को कांग्रेस ने सामरी से प्रत्याशी बनाया और वे दूसरी बार विधायक चुने गए।
रमन सरकार के पहले कार्यकाल में चिंतामणि महाराज 2004 से 2008 तक राज्य संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष रहे। भाजपा से उपेक्षित होने पर उन्होंने 2008 में सामरी विधानसभा से ही निर्दलीय चुनाव लड़ा, जिसमें हार गए थे।