सीजी क्रांति/खैरागढ़। सीजन की शुरूआती बारिश ने सिविल अस्पताल के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोल दी है। अस्पताल परिसर में पानी भर गया है। जिसके कारण रात में अस्पताल पहुंचने वाले लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। यह हर साल की समस्या है, लेकिन समाधान के लिए कोई पहल नहीं की गई है और पहल की भी गई होगी, तो वह कागजों तक सीमटकर रह गई है।
आप पढ़कर समझ ही गए होंगे। बारिश हो रही है, ड्रेनेज सिस्टम ध्वस्त है। अस्पताल परिसर में पानी जमा हो रहा है। जिससे अस्पताल पहुंचने वालों को परेशानी हो रही है। सही है…यह एक बड़ी परेशानी है। लेकिन उससे बड़ी एक और परेशानी है…और वह अनदेखी!
जी हां!..अनदेखी सिविल अस्पताल खैरागढ़ की सबसे बड़ी परेशानी है। सिविल अस्पताल में अव्यवस्था का आलम है। यहां किसी भी तरह पूछ परख नहीं हो रही है। खासकर जन सुविधा बिल्कुल दरकिनार नजर आ रहा है। इसका ताजा उदाहरण अस्पताल परिसर में जमा पानी है। कुछ ही समय पहले जीवनदीप समिति की बैठक भी हुई थी।
ड्रेनेज सिस्टम हर साल की समस्या है, लेकिन इसके निजात को लेकर कोई प्लान तैयार नहीं किया गया। यहां तक कि नालियों की सफाई और मरम्मत की ओर भी ध्यान नहीं गया। शायद यहीं वजह है कि अस्पताल परिसर में पानी जमा हो रहा है।
साल की समस्या, निजात कब?
अस्पताल परिसर में पानी जमा होना पहली बार नहीं हो रहा है। बल्कि हर साल की समस्या है। लेकिन अब तक समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया गया है। हर जीवनदीप समिति की बैठक होती है, हर बार जन सुविधाओं को तवज्जों देने की बात करते हैं। लेकिन उन बातों को जमीन स्तर पर पूरा करने के लिए कोई प्रयास नहीं करते है? या यूं कहें कि उन्हें जन सुविधाओं से कोई लेना देना ही नहीं रहता है।
अगर जन सुविधा की थोड़ी भी फिक्र होती, तो इस तरह की छोटी—मोटी समस्या सामने ही नहीं आती। क्योंकि ड्रेनेज सिस्टम दुरूस्त करने के लिए कोई भारी भरकम बजट की जरूरत ही नहीं है। नालियों को दुरूस्त कर ड्रेनेज सिस्टम दुरूस्त करना है।