सीजी क्रांति न्यूज। खैरागढ़
छुईखदान ब्लाक में संडी चूना पत्थर ब्लाक आवंटन होने के बाद वहां श्री सीमेंट लिमिटेड कंपनी चूना पत्थर खनन और सीमेंट प्लांट तब खोल पाएगी जब उसे जमीन मिलेगी। यह जमीन कंपनी को किसानों से खरीदनी है। शासन या प्रशासन सीमेंट कंपनी के लिए जमीन अधिग्रहण नहीं करेगी। यानी जब तक गांव के किसान अपनी जमीन सीमेंट कंपनी को नहीं बेचेंगे, तब तक सीमेंट कंपनी वहां कुछ नहीं कर पाएगी।
सूत्रों के मुताबिक इस प्रोजेक्ट में जिन पांच गांवों को शामिल किया गया है। वहां करीब 65 हेक्टेयर जमीन ग्रामीणों ने बेच दी है। माना जा रहा है कि किसानों से यह जमीन कंपनी के एजेंटों ने ही खरीदी है। क्षेत्र में सीमेंट कंपनी के लिए जमीन खरीदी पांचों गांवों में नेटवर्क तैयार कर लिया गया है।
2022 में कांग्रेस सरकार में हुई निकला टेंडर, 2023 में श्री सीमेंट लिमिटेड को मिला ठेका
जिला केसीजी के छुईखदान ब्लाक में सीमेंट बनाने लायक चूना पत्थर मिला है। इसके लिए खनिज विभाग 404 हेक्टेयर जमीन चिन्हांकित की है। इसके दायरे में ग्राम पंडरिया, विचारपुर, संडी, बुंदेली और भरदागोंड गांव आ रहा है। राज्य में जब कांग्रेस की सरकार थी। तब 9 दिसंबर 2022 में खनिज विभाग ने इस क्षेत्र से चूना पत्थर निकालने टेंडर जारी किया। टेंडर में 25. 05 प्रतिशत उंची बोली लगाने पर मेसर्स श्री सीमेंट लिमिटेड को यह टेंडर मिल गया। इसके उपरांत श्री सीमेंट कंपनी अपफ्रंट पेमेंट का 20 प्रतिशत की प्रथम किस्त 22 मई 2023 को आठ करोड़ 52 लाख 57 हजार 202 रुपए खनिज विभाग में जमा किए। श्रीसीमेंट को संडी चूना पत्थर ब्लाक में खनन के लिए 50 लीज पर दे दिया गया है।
किस गांव में कितने हेक्टेयर जमीन में होगी खुदाई
संडी- साढ़े चार हेक्टेयर
विचारपुर- 185 हेक्टेयर
पंडरिया-164 हेक्टेयर
बुंदेली- 50 हेक्टेयर
भरदागोंड- डेढ़ हेक्टेयर
404 हेक्टेयर में मात्र 30-40 हेक्टेयर सरकारी जमीन
इस प्रोजेक्ट में 404 हेक्टेयर जमीन चिन्हांकित की गई है। जिसमें मात्र 30-40 प्रतिशत जमीन ही सरकारी है। बाकी किसानों की कृषि जमीन है। यह पूरा क्षेत्र कृषि के लिए उपजाऊ जमीन है। किसानों की यह चिंता है कि सीमेंट फैक्ट्री खुल गई तो प्रदूषण बढ़ेगा। जिसका दुष्प्रभाव उनकी उपजाऊ जमीन पर पड़ेगा। धीरे से कृषि से मिलने वाला रोजगार उनसे छिन जाएगा। कई किसान भूमिहीन हो जाएंगे। जिससे उन्हें पलायन या मजदूर बनने विवश होना पड़ेगा।
सण्डी लाइमस्टोन ब्लॉक परियोजना: पूरी जानकारी एक नज़र में
कंपनी: मेसर्स सीमेंट लिमिटेड
स्थान: ग्राम सण्डी, पण्डरिया, बुंदेली, विचारपुर एवं भारदगोंड — तहसील छुईखदान, जिला खैरागढ़
कुल क्षेत्रफल: 404 हेक्टेयर
खनन क्षमता: 3.64 मिलियन टन (36 लाख 40 हजार टन) चूना पत्थर प्रति वर्ष
कुल अपशिष्ट उत्पादन: 5.128 मिलियन टन वेस्ट प्रति वर्ष
आरओएम रिजेक्ट – 0. 182 मिलियन टन प्रतिवर्ष
कुल उत्पादन : – 8.991 मिलियन टन प्रतिवर्ष
क्रशन की स्थापना – प्राथमिक क्रशर 1200 टन प्रतिघंटा, और सेकंडरी क्रशन 400 टन प्रतिघंटा वाबलर के साथ।
स्थापना: प्राइमरी और सेकेंडरी क्रशर के साथ वॉबलर सिस्टम भी लगाया जाएगा।
उद्देश्य:
क्षेत्र में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना
सीमेंट उत्पादन के लिए कच्चे माल (लाइमस्टोन) की आपूर्ति
स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उत्पन्न करना
संभावित पर्यावरणीय नुकसान:
हालांकि इससे आर्थिक व रोजगार लाभ होंगे, लेकिन खनन गतिविधियाँ पर्यावरण पर कई गंभीर असर डाल सकती हैं—
1. भूमि एवं जल प्रदूषण
चूना पत्थर खनन से मिट्टी की ऊपरी परत (top soil) नष्ट होती है।
रासायनिक कण और धूल आसपास की जलधाराओं व खेतों में जाकर पानी की गुणवत्ता बिगाड़ सकते हैं।
2. वायु प्रदूषण
भारी मशीनों और ट्रकों से निकलने वाला धूल एवं डीजल धुआं स्थानीय हवा को प्रदूषित करेगा।
आसपास के गांवों में सांस की बीमारियाँ, खांसी, एलर्जी, अस्थमा जैसी समस्याएँ बढ़ सकती हैं।
3. जैव विविधता पर असर
404 हेक्टेयर क्षेत्र में पेड़-पौधों की कटाई और मिट्टी हटाने से स्थानीय वन्यजीवों का आवास नष्ट हो सकता है। परिंदों और छोटे जीवों का पलायन होगा।
4. जलस्तर में गिरावट
खनन के लिए ज़मीन की गहराई तक खुदाई से भूजल स्तर नीचे जा सकता है।
आसपास के कुएँ, तालाब और हैंडपंप सूखने की संभावना रहती है।
5. शोर प्रदूषण
क्रशर मशीनें, ब्लास्टिंग और ट्रक मूवमेंट से लगातार तेज़ आवाज़ होगी, जो मानव और पशु दोनों के लिए हानिकारक है।
लोक सुनवाई क्यों जरूरी है
यह लोक सुनवाई इसलिए होती है ताकि प्रभावित गांवों के लोग अपने आपत्तियाँ और सुझाव रख सकें। सरकार यह तय कर सके कि पर्यावरण को कितना नुकसान होगा और उसे कैसे घटाया जा सकता है।
लोक सुनवाई का विवरण
तारीख: 11 दिसंबर 2025
समय: दोपहर 12 बजे स्थान: सरस्वती शिशु मंदिर, बुंदेली (पंडरिया चौक के पास)
