PWD की सड़क साल भर में जर्जर, जुरलाकला से खपरी सिरदार की सड़क का भी बुरा हाल, ग्रामीण हलाकान, स्कूली बच्चों को बड़ी दिक्कत


सीजी क्रांति न्यूज/खैरागढ़। ग्रामीण क्षेत्रों में लोक निर्माण विभाग की देखरेख में बनाई गई सड़कों का बुरा हाल है। निर्माण के महज साल भर में सड़कें उखड़नी शुरू हो गई है। वहीं कई सड़कें निर्धारित अवधि गुजरने के बाद भी अधूरे पड़े हैं। लिहाजा उबड़-खाबड़ आधी-अधूरी बनी सड़कों में यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित रही है। खासकर स्कूली बच्चों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

बता दें कि पांडादाह से मुढ़ीपार तक लगभग 8 किलोमीटर सड़क में हर तीसरे कदम में गढ्ढे हो चुके हैं। सड़क में डामर की परत उखड़ रही है। सड़क कहीं धंसी हुई है तो कभी उभरी हुई है। इसकी वजह से दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। यही हाल जुरलाकला से खपरी सिरदार रोड का भी है। यहां भी सड़क समय पर पूरा नहीं हो पाया। ग्रामीण धूल धूसरित और अधकचरे सड़क के कारण हलाकान हो चुके है। इसकी शिकायत संबंधित विभाग को भी दी जा चुकी है। इसके बाद भी सुधार की दिशा में अब तक ठोस प्रयास नहीं हो पाए है।


क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य व सभापति विप्लव साहू ने जनता को हो रही इस परेशानी के लिए नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अफसरों की जिम्मेदारी है। कोई भी सड़क पूरी गुणपत्तापूर्ण तरीके और निर्धारित समय पर उसका निर्माण पूर्ण हो। पर ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क निर्माण के नाम पर केवल थूक पॉलिस हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश सड़कें महज साल-डेढ़ साल के भीतर ही उखड़ने लगती है।

इससे साफ है कि निर्माण कार्यों में जिम्मेदारों को जो मानीटरिंग करनी चाहिए, उसमें कोताही बरती जा रही है। आम जनता के पैसे में भ्रष्टाचार का गारा मिलाकर कार्य किए जा रहे हैं। यही वजह है कि रिजल्ट ठीक नहीं आ रहा है। श्री साहू ने कहा कि निर्माणाधीन जुरलाकला से खपरी सिरदार तक सड़क निर्माण को उन्ही एजेंसी द्वारा शुरू किए 2 साल हो गया है जिसमें लगातार कई तरह की दुर्घटनायें हो रही है।

स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राओं और कर्मचारियों को दुर्घटनाओं का शिकार भी होना पड़ रहा है। लेकिन कॉन्ट्रैक्ट कंपनी और विभाग द्वारा समझ में ना आने वाले कई तरह के बहाने और नियम समझाए जाते हैं लेकिन आम जनता की समस्या दूर होने का नाम ही नहीं ले रही। अब ग्रामीण लामबद्ध होकर चक्का जाम करने की तैयारी भी कर रहे हैं।

तत्कालीन निर्माण के समय में भी जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों द्वारा ताकीद की गई थी। लेकिन विभाग और ठेकेदार के मनमाने रवैये के कारण आज आज ग्रामीणों को परेशानी भुगतनी पड़ रही है। जबकि इस सड़क पर भारी वाहन या पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस आदि किसी तरह का कोई दबाव नहीं है, उसके बावजूद यह सड़क निर्माण के बाद 1 साल भी नही चल पाई। इसमें विभागीय अधिकारियों को जिम्मेदार अधिकारी और ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए।

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