सीजी क्रांति/खैरागढ़।
खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में प्रस्तावित संडी चूना पत्थर खनन परियोजना को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इसी कड़ी में विधायक ने आज प्रेस वार्ता कर सरकार और श्री सीमेंट कंपनी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि 404 हेक्टेयर भूमि में होने वाला यह खनन न केवल पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाएगा बल्कि 20 हजार से अधिक किसान परिवारों की उर्वर त्रिफसलीय भूमि और आजीविका पर गहरा संकट खड़ा कर देगा।
विधायक ने कहा कि पर्यावरण प्रभाव आंकलन अधिसूचना दिनांक 14/09/2006 और बाद के संशोधनों के अनुसार यह परियोजना खनिजों के खनन के लिये श्रेणी बी, परियोजना या गतिविधि 1 (ए) 4 और खनिज शुद्धीकरण के लिये परियोजना या गतिविधि 2 (बी) 3 के अंतर्गत आती है।
श्री सीमेंट कंपनी द्वारा खनन कि विधि खनन बेंचो की प्रणाली को अपनाते हुए पूर्णतः खुली खनन पद्धति ओपन कास्ट विधि द्वारा किया जायेगा। कार्यरत बेंचों और अपशिष्ट समाग्री को संभालने के लिये किसी प्रकार की कोई तैयारी नहीं किया जाना बताया गया है। उक्त खनन से अपनाये जाने वाले मशिनीरियों से होने वाली धूल-डस्ट से होने वाले प्रदुषण की रोकथाम के लिये भी किसी प्रकार से कोई तैयारी नहीं बताया गया है।
पर्यावरण को विशिष्ट सूक्ष्म विज्ञान डेटा अनुसार ध्वनि स्तर मृदा और वनस्पति एवं जीव जन्तुओं के लिये प्राथमिक आधारभूत डेटा जो एकत्र करना चाहियें यह भी कम्पनियों द्वारा नहीं किया गया है जिससे वायु प्रदुषण, जल प्रदुषण, ध्वनि प्रदुषण में जनजीयन प्रभावित होगा। प्रत्याशित पर्यावरणीय प्रभाव और समन का उपाय भी पर्याप्त नहीं किया जाना संपूर्ण योजना के तहत प्रतीत होता है। जिस प्रकार से कंपनी जनसुनवाई करवाना चाहता है वह आधे-अधूरे तैयारियों के साथ जन सुनवाई करवाना चाहता है जो क्षेत्रवासियों के लिये भविष्य में अत्यंत दुखदायी प्रतीत होता है। जन सुनवाई हेतु पर्यावर्णीय प्रभाव आंकलन एवं प्रबंधन योजना के लिये प्रदत्त रिपोर्ट स्वीकार किया नहीं जा सकता है, क्योंकि उक्त खनन परियोजना में मात्र 138 लोगों को नौकरी मिलने कि बात कही गई है। पूरे प्रोजेक्ट में किसानों की त्रिफसलीय सिंचित भूमि जो कि हजारों एकड़ जमीन हैं बरबाद हो जायेगी।
उक्त सीमेंट परियोजना से संडी, पंडरिया, बुन्देली. विवारपुर, भरदागोंड परियोजना ग्राम सहित परियोजना से प्रभावित ग्राम ओटेबंद, जंगलपुर, रैमडवा, जगमडवा, मैन्हर जोग, नवागांव, कुकुरगुड़ा, हनईबन, मस्तकटेरा, कालेगोंदी, दनिया, बिरनपुर, सिराहीडीह व सड़क अतरिया परिक्षेत्र के लगभग 30 गांव के अस्तित्व पर सामान्य जन-जीवन का खतरा मंडरा रहा है।
उक्त परियोजना के प्रारंभ होने से लाभ के नाम पर केवल 138 लोगों के नौकरी लगने की बात बताई जा रही है जबकि उक्त परियोजना के प्रारंभ होने से हजारों एकड़ जमीन न केवल प्रभावित होगी बल्कि लगभग 20 हजार से अधिक कृषक परिवारों की सुखद आजीविका पर गहरा संकट आन पड़ेगा जो कि उक्त क्षेत्र एवं खैरागढ़ विधानसभा सहित पूरे जिले के लिये नुकसानदायक ही होगा।
ज्ञात हो कि सिंचित्त कृषि भूमि पर उद्योग नीति के तहत कोई भी कारखाना जो निजी क्षेत्र को लाभपहुंचाता हो नहीं खोला जा सकता वहीं माननीय सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे अनुचित मामलों की रोकथाम के लिये खुला (ओपन) उत्खनन के लिये रोक (बैन) लगाई है।
उक्त परियोजना के प्रारंभ होने से प्रभावित क्षेत्र में बुरी तरह भू-जल स्तर के गिरने व प्रभावित होने की पुष्टि की गई हैं। वर्तमान में उक्त क्षेत्र भू-जल स्तर 200 फीट तक है लेकिन सीमेंट परियोजना के प्रारंभ होने से यहां भू-जल स्तर ४०० फीट तक नीचे चला जायेगा जिससे यहां निवासरत ग्रामीण कृषक आबादी को अति कष्ट और नारकीय परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। ज्ञात हो कि श्री सींमेट फैक्ट्री के द्वारा अपनी रिर्पोट में वाटर लेबल डिस्टर्ब होने की जानकारी स्वर्य शासन-प्रशासन को दी है और बताया है कि गर्मी के दिनों में चार माह भू-जल स्तर बहुत अधिक नीचे गिर जाता है।
ज्ञात हो कि राज्य सरकार द्वारा परियोजना को लेकर मंशा पत्र श्री सीमेंट के पक्ष में संडी चूना पत्थर ब्लॉक में खनिज चूना पत्वर 404 हेक्टेयर क्षेत्र के लिये जारी किया गया है जबकि वर्तमान में कंपनी के पास सानन पट्टे का निष्पादन एवं पंजीकरण अभी बाकी है जिसको स्वयं कंपनी ने स्वीकार किया है। और वर्तमान में श्री सीमेंट फैक्ट्री के पास महज 33 हेक्टेयर जमीन पंजीकृत हैं। अतः इस स्थिति में परियोजना प्रारंभ करने जनसुनवाई करना अनुचित एवं जनहित में अमान्य है।
विद्यालक ने कहा कि इस जनहित के संवेदनशील मामले में कलेक्टर महोदय के माध्यम से छत्तीसगढ़ शासन से विनम्र अनुरोध है कि क्षेत्र के किसान भाईयों द्वारा लगातार हो रहे आंदोलन व धरना प्रदर्शन तथा 6 दिसंबर को शहीद
नगरी छुईखदान में हुई हिंसक प्रदर्शन के मद्देनजर श्री सीमेट परियोजना की 11 दिसंबर 2025 को आयोजित जनसुनवाई को तत्काल रद्द किया जाये।
