सीजी क्रांति/खैरागढ़। कलेक्टोरेट से महज आधा किमी दूरी पर ही जनपद पंचायत के अफसर नियमों को ताक पर रखकर अवैध निर्माण करवा रहे हैं। जनपद परिसर में करीब 3 लाख की लागत से दो दुकानों का निर्माण कर शासकीय राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है। यह क्षेत्र नगर पालिका सीमा क्षेत्र में आता है।
लिहाजा किसी भी निर्माण कार्य के लिए पालिका से विधिवत अनुमति आवश्यक है। लेकिन यहां खुद सरकारी विभाग अपने ही बनाए नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहा है। यही काम आम आदमी करता तो पालिका जुर्माना वसूल कर काम बंद करवा चुका होता। पर यहां पालिका के अधिकारी ही नहीं बल्कि जिला प्रशासन भी आंख मूंदे बैठे हैं। वहीं जनपद पंचायत के जिम्मेदार अफसर जिला प्रशासन के नाक के नीचे नियमों से खिलवाड़ कर रहे हैं।
दिलचस्प बात यह है कि जहां दुकानें बनाई जा रही है। वहीं बाएं ओर जनपद पंचायत, एसडीएम, तहसीलदार ही नहीं बल्कि इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय जाने का मार्ग भी है। ठीक सामने स्टेट हाईवे है। यहां ट्रैफिक का पहले ही जबर्दस्त दबाव है। ऐसे संवेदनशील जगह पर जनपद पंचायत अपने निर्धारित सीमा रेखा को लांघ कर दुकानें बनवा रहा है।
इसके आगे 3 फिट की सीढ़ी बनने के बाद यह मार्ग और संकरा हो जाएगा। जिसकी वजह से यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होगी। हैरानी की बात यह है कि जनपद पंचायत के अफसरों ने तकनीकी जानकारों से रायशुमारी किए बगैर ही यहां अवैध निर्माण कर शासकीय राशि का दुरूपयोग कर बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम देने में लगे हैं।
अंबेडकर चौक को तोड़े जाने की साजिश !
यातायात व्यवस्था प्रभावित होने और तकनीकी खमियों के बावजूद जिस तेजी और बेखौफ तरीक से प्रशासन के नाक के नीचे दुकानें बनाई जा रही है। और प्रशासन के जिम्मेदार अफसर इसमें दखल नहीं दे रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इसके पीछे वजह यह बताई जा रही है कि दुकानें तैयार होने के बाद यदि यातायात व्यवस्था पर सवाल उठा तो समीप पर ही अंबेडकर चौक की बाउंड्रीवॉल तोड़कर इंदिरा कला संगीत विवि और एसडीएम, तहसीलदार कार्यालय जाने मार्ग का चौड़ीकरण किया जाएगा।
हालांकि ऐसा होगा प्रशासन को अंबेडकर के अनुयायियों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ सकता है। यानी समय रहते यदि दुकानों के अवैध निर्माण के मसले को हल नहीं किया गया तो मामला और उलझने का अंदेशा जताया जा रहा है।
जानिए क्या कहते हैं जनपद पंचायत के सीईओ चित्रदत्त दुबे
जनपद पंचायत के सीईओ चित्रदत्त दुबे ने कहा कि यहां जनपद पंचायत निधि से दो दुकानें बनाई जा रही है। इसका टेंडर नहीं हुआ बल्कि इसे भूलाटोला ग्राम पंचायत को कार्य एजेंसी बनाया गया है। दुकान निर्माण के लिए 3 लाख का इस्टीमेट तैयार किया गया है। जनपद में इसका प्रस्ताव पास हुआ है।
इस पर जब पूर्व जनपद अध्यक्ष राकेश गुप्ता से प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने कहा कि जनपद पंचायत की दी गई जानकारी से स्पष्ट है कि नियमों की खुली अवहेलना की गई है। तय निमय और प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है। यह निर्माण पूरी तरह से अवैध है। शहरी क्षेत्र में ग्राम पंचायत को कैसे कार्य एजेंसी बनाया जा सकता है। इन बातों से यह तो तय है कि या तो अफसरों को नियमों की जानकारी नहीं है या अपनी गलतियों को छुपाने के लिए वे हड़बड़ाहट में कुछ का कुछ बोल रहे हैं।
हमारे पास आवेदन आया है, हमने अनुमति नहीं दी-सीएमओ सूरज सिदार
नगर पालिका सीएमओ सूरज सिदार ने कहा कि वहां दुकान निर्माण के लिए आवेदन आया था लेकिन हमने वहां निर्माण की तकनीकी खामियां के कारण फिलहाल अनुज्ञा पत्र जारी नहीं किया है। यदि वहां निर्माण हो रहा है तो वह उचित नहीं है।