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सीजी क्रांति/रायपुर/दुर्ग। राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही सख्त कार्रवाई के तहत 3 जुलाई 2025 को एसीबी ने एक ही दिन में दो अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी कर तीन भ्रष्ट कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। इन कार्रवाइयों से तहसील और राजस्व विभाग में हड़कंप मच गया है। दुर्ग में बोरी तहसील कार्यालय का एक कर्मचारी, जबकि रायपुर में एक पटवारी और उसका कोटवार सहयोगी एसीबी के जाल में फंसे। तीनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की प्रक्रिया जारी है।

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केस 1 – तहसील कार्यालय जिला दुर्ग

शिकायतकर्ता झनेन्द्र कुमार ने ACB को सूचना दी थी कि उन्होंने ग्राम टेकापार में जमीन खरीदी हैए जिसके नामांतरण के लिए तहसील कार्यालय बोरी के बाबू वीरेन्द्र तुरकाने ने उनसे प्रति नामांतरण ₹5,000 की दर से कुल ₹20,000 रिश्वत की मांग की। शिकायत की जांच के दौरान मोलभाव हुआ और बाबू 17,500 रुपये में तैयार हो गया। इसके बाद ACB ने ट्रैप की योजना बनाई और 3 जुलाई को बाबू को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) की धारा 7 के अंतर्गत कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

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केस-2 पटवारी-कोटवार धराए

दूसरे मामले में ग्राम गोतियाडीह निवासी जयवर्धन बघेल ने ACB को शिकायत दी थी कि उन्होंने एक जमीन खरीदी है और उसके नामांतरण के लिए पटवारी पुष्पेंद्र गजपाल ने ₹8,000 रिश्वत की मांग की थी। बघेल ने रिश्वत न देकर आरोपी को पकड़वाने का निर्णय लिया। शिकायत की जांच के बाद 3 जुलाई को ट्रैप प्लान के तहतए पटवारी पुष्पेंद्र गजपाल और उनके सहयोगी कोटवार गौतम कुमार (नायकबांधा, अभनपुर) को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 7 और 12 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) के अंतर्गत कार्रवाई की जा रही है।

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