सीजी क्रांति/खैरागढ़। छुईखदान नगरीय सत्ता में काबिज भाजपा व विपक्षी कांग्रेस के पार्षदों द्वारा मिलकर अध्यक्ष के खिलाफ लाए अविश्वास प्रस्ताव पर फैसला मार्च में होगा। सूत्रों के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव पर फैसले के लिए अगले माह की 7 तरीख फिक्स की गयी है। अब कुर्सी पर वर्तमान अध्यक्ष दीपाली जैन ही बनी रहेगी, भाजपा का कोई नया चेहरा पद संभालेगा या फिर आपसी मतभेद के बीच कांग्रेस फायदा उठाकर अपनी नगरीय सरकार बनाने में कामयाब रहेगी। इसका पता सात मार्च को ही चल पाएगा।
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नपं के 13 पार्षद खिलाफ
अध्यक्ष के खिलाफ 13 पार्षद लामबंद हो गए है। उन्होंने अध्यक्ष को पद से हटाने के लिए कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा है। खास बात यह है कि अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पार्षदों में सबसे ज्यादा भाजपा पार्षद ही है। 15 सीट वाली छुईखदान की नगरीय सत्ता में भाजपा के 9 पार्षद, कांग्रेस 4 और अन्य के दो पार्षद है। जिसमें से अध्यक्ष-उपाध्यक्ष को छोडक़र भाजपा के 7 सहित 13 पार्षदों ने मोर्चा खोला है।
भाजपा को कुर्सी छीनने का डर
कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव सौंपते ही भाजपा में हडक़ंप मच गया है। क्योंकि जिस तरह खैरागढ़ नगर पालिका चुनाव में अध्यक्ष की कुर्सी के लिए जंग देखने को मिली है। उससे यह कयास लगाया जा रहा है कि अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से कांग्रेस कुर्सी तो नहीं छीन लेगी। यहीं वजह है कि भाजपा संगठन के बड़े नेता डैमेज कंट्रोल करने में जुटे हुए है।